सहजन खाने के फायदे और नुकसान, जाने सहजन की पत्ती कैसे खाएं?
सहजन खाने के फायदे (Sahjan Khane Ke Fayde): यह खाने के रूप में बहुत ही पौष्टिक होता है, और इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। ज्यादातर भारतीय इसका इस्तेमाल सहजन की सब्जी, सांभर और अन्य खाने में करते हैं। विज्ञान ने भी प्रमाणित कर दिया है कि इस पेड़ का हर हिस्सा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
Sahjan Khane Ke Fayde – सहजन खाने के फायदे
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सहजन का परिचय
यह लंबी फलियों वाला एक सब्जी का पेड़ है जो भारत और दुनिया भर में उगाया जाता है। सहजन पूरे भारत में आसानी से पाया जाने वाला पेड़ है। सहजन के पत्ते, फूल, फलियां, बीज और छाल सभी किसी न किसी रूप में उपयोग किए जाते हैं।
इसके बीजों से तेल निकाला जाता है और जड़, छाल, पत्ते और गोंद आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं। सहजन का फूल वाजीकारक होता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है। यह विशेष रूप से शुक्राणुओं को मजबूत करने में बहुत उपयोगी है।
सहजन के पत्ते के फायदे
यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होता है। सहजन के पत्ते भी प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत होते हैं। एक कप ताजी पत्तियों में 2 ग्राम प्रोटीन होता है। सहजन के पत्तों से पाया जाने वाला प्रोटीन मांसाहारी स्रोतों से मिलने वाले प्रोटीन से किसी भी तरह से कमतर नहीं है क्योंकि इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं।
इसके पत्तों के 100 ग्राम चूर्ण में दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम और पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन होता है। इसमें गाजर से 10 गुना ज्यादा बीटा-कैरोटीन होता है। जो आंखों, त्वचा और इम्यून सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होता है। सहजन में केले से 3 गुना ज्यादा पोटैशियम और संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है।
इसके विभिन्न भागों में 300 से अधिक रोगों के निवारक गुण होते हैं। इसमें 92 प्रकार के मल्टीविटामिन, 46 प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण, 36 प्रकार के दर्द निवारक और 18 प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं। इसमें पानी को शुद्ध करने के गुण भी होते हैं।
सहजन की पत्ती कैसे खाएं
इसकी सब्जी खाना, सहजन की फली या पत्तों का सूप पीना, सहजन के पत्तों को दाल में मिलाकर सेवन करना सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं। सहजन की पत्तियों के चूर्ण का आप सुबह सेवन कर सकते हैं या पत्तों को उबालकर उसका पानी पी सकते हैं। इन उपायों से सेहत अच्छी रहती है, शरीर को भरपूर पोषक तत्व मिलते हैं, बदलते मौसम के असर से भी बचा रहता है।
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सहजन के फायदे (सहजन खाने के फायदे)
1. रोग प्रतिरोधक वर्धक
सहजन की फली और पत्तियों में विटामिन सी, कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सहजन में एंटीऑक्सीडेंट, बायोएक्टिव पादप यौगिक होते हैं।
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर अक्सर मौसम के प्रभाव से होने वाली सर्दी-जुकाम से बचाता है। एड्स रोगियों को दी जाने वाली एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी के साथ भी, इसे हर्बल सप्लीमेंट के रूप में दिया जाता है।
2. उदर रोग में लाभदायक
सहजन पेट की समस्याओं के लिए कारगर उपाय है। सहजन एक हल्का रेचक है, इसलिए यह पेट को साफ करता है। फाइबर के कारण यह कब्ज को दूर करता है।
सहजन पेट के कीड़ों और बैक्टिरिया से भी राहत दिलाता है। सहजन की जड़ का चूर्ण, पेट में पाए जाने वाले गोलकृमि को नष्ट करता है।
3. बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
सहजन (मोरिंगा) बालों के लिए एक बेहतरीन टॉनिक है। सहजन में मौजूद जिंक, विटामिन और अमीनो एसिड मिलकर केराटिन बनाते हैं, जो बालों के विकास के लिए जरूरी है। सहजन की फली में पाए जाने वाले बीजों में एक विशेष तेल होता है जिसे बेन ऑयल कहा जाता है।
यह तेल बालों को लंबा, घना बनाता है और डैंड्रफ, बालों के झड़ने की समस्या को दूर करता है। इसलिए सहजन की सब्जियां खाएं, सूप पिएं या सहजन की पत्ती के पाउडर का सेवन करें।
4. एक अद्भुत एंटीऑक्सीडेंट है सहजन
सहजन के एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। पौष्टिक गुणों से भरपूर सहजन ऊर्जा की कमी को पूरा करता है और जल्दी थकान नहीं होने देता। सहजन में पाए जाने वाले उत्कृष्ट अमीनो एसिड नए ऊतक बनाते हैं, इसलिए यह शरीर के विकास के लिए अद्भुत है।
5. त्वचा के लिए सहजन के फायदे
इसके प्रयोग से त्वचा संबंधी कई रोगों में लाभ मिलता है। सोरायसिस, एक्जिमा में सहजन का तेल लगाएं, लाभ होगा। सहजन की फली यानी बेन तेल के बीजों के इस तेल को मुंहासों, ब्लैकहेड्स की समस्या में चेहरे पर लगाएं।
इसके क्लींजिंग और एंटीसेप्टिक गुण इन्हें खत्म कर देते हैं। त्वचा के लिए उपयोगी विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यह तेल चेहरे की झुर्रियों और महीन रेखाओं को दूर करता है।
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सहजन का निम्नलिखित रोगों में उपयोग
- सहजन की छाल कफ और सर्दी को दूर करती है।
- वात और शूल में सहजन की फली का उपयोग।
- पत्ती नेत्र रोग, मोच, कटिस्नायुशूल, गठिया में।
- जड़ अस्थमा, जलोदर, पथरी, तिल्ली के रोगों के लिए उपयोगी है।
- कटिस्नायुशूल, गठिया, यकृत आदि रोगों के उपचार में छाल का उपयोग।
- सहजन के रस को पाचक कहते हैं, इसलिए पाचन में लाभदायक।
- इसके पत्तों का रस कान में डालने से दर्द दूर होता है।
- गुर्दे और मूत्राशय की पथरी में उपयोगी।
- पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़ों को दूर करता है।
- उल्टी और दस्त में सेवन से, दोनों रुक जाते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद।
- इससे मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है।
- सहजन की छाल से दांतों के कीड़े नष्ट हो जाते हैं
- इसके पत्तों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक हो जाती है।
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सहजन खाने के नुकसान
- जिन लोगों का खून बहुत पतला है, और वे कोई भी दवाई ले रहे हैं तो, उन्हें सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह खून को जरूरत से ज्यादा पतला कर देता है।
- सहजन के पत्तों में रेचक गुण होते हैं, जिससे पेट खराब हो सकता है और अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो सीने में जलन और दस्त हो सकता है।
नोट: गर्भवती महिलाओं को सहजन की छाल और जड़ से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
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