हरीतकी (हरड़) के अनगिनत फायदे, रखती है पाचन शक्ति से लेकर काम (यौन) शक्ति तक सुधारने की ताकत

हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान (Haritaki (Harad) ke Fayde aur Nuksan): आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी (हरड़) एक प्रकार की बहुत ही गुणकारी और लाभकारी जड़ी-बूटी है, हरड़ के लाभों का अधिकतम उपयोग पेट के सभी रोगों को ठीक करने, वजन कम करने और यौन शक्ति सुधारने के लिए किया जाता है। त्रिफला चूर्ण भी आंवला, बहेड़ा और बड़ी हरड़ से बनाया जाता है। त्रिफला में बड़ी हरड़ : बहेरा :आंवला का अनुपात 1:2:4 रख कर बनाया जाता है। हरीतकी या हरड़ का प्रभाव गर्म होता है, इसके गर्म प्रभाव के कारण इसका सेवन सर्दियों में करना फायदेमंद होता है।

Haritaki (Harad) ke Fayde aur Nuksan – हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान 

हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान
Haritaki (Harad) ke Fayde aur Nuksan

– हरड़ के अन्य नाम 

हिंदी – हरड़, हर्रे और हड़
संस्कृत – अभया, पथ्या और हरीतकी
अंग्रेजी – Dry Myrobalan (ड्राई माइरोबलान)
गुजराती – हरीतकी और हिमजा
तमिल – कडुक्कई
बंगाली – होरीतकी
पंजाबी – हर और हरीतकी
मराठी – हिरड

आयुर्वेद के अनुसार, हरड़ में मौजूद औषधीय गुण कई शारीरिक समस्याओं के लक्षणों को कम कर, उन्हें रोकने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हरड़ शारीरिक समस्याओं को दूर करने के अलावा त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है।

लेकिन हरड़ के अधिक सेवन से कुछ शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हरड़ का इस्तेमाल करने से पहले इस लेख से हरड़ के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

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– हरड़ में पाए जाने वाले पोषक तत्व

इसमें में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, सेलेनियम और कॉपर के साथ ही एंटीबैक्टीरियल, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल जैसे कई गुण पाए जाते हैं।

– हरड़ का सेवन कैसे करें?

इसका सेवन काढ़े के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा इसे पाउडर के रूप में भी खाया जा सकता है। 

  • नमक के साथ सेवन करने से कफ संतुलित होता है।
  • घी के साथ सेवन करने से वात संतुलित होता है।
  • हरड़ का चीनी के साथ सेवन करने से पित्त संतुलित होता है।

इसका स्वाद कसैला होता है। आयुर्वेद के अनुसार, कसैले या कषाय रस वाली चीजों में एक अनूठी विशेषता होती है। ऐसी चीजें रक्त को शुद्ध करती हैं, त्वचा को साफ करती हैं तथा कफ-पित्त नाशक होती हैं।

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हरीतकी (हरड़) के फायदे 

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हरड़ का सेवन फायदेमंद होता है। हरड़ में जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण होते हैं, जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हरड़ में उच्च मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

2. यौन समस्याओं को दूर करने में सहायक

आयुर्वेद में हरड़ का प्रयोग यौन समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हरड़ में मौजूद औषधीय गुण यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यदि एक महीने तक रोजाना 1-2 ग्राम हरड़ का सेवन किया जाए तो यह यौन शक्ति बढ़ाने और शीघ्रपतन का इलाज करने में सहायक होगा। 

3. पाचन तंत्र के लिए सबसे उत्तम औषधि

पाचन स्वास्थ्य के लिए हरड़ में मौजूद रेचक गुणों के साथ-साथ ऐसे कई गुण पाए जाते हैं। जो पाचन में सुधार करता है, पाचन तंत्र को मजबूत रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी पेट की अन्य समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है। इसके अलावा हरड़ में पाए जाने वाले औषधीय गुण आपको भूख बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए हरड़ को पेट के लिए सबसे उत्तम औषधि माना गया है।

4. बवासीर में राहत दिलाये 

बवासीर रोग मुख्य रूप से पाचन तंत्र के ठीक से काम न करने के कारण होता है। वहीं, हरड़ में रेचक ( मल पतला करना ) के गुण पाए जाते हैं। जो पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर कर बवासीर की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके लिए हरड़ का चूर्ण गर्म पानी से लें।

5. अल्सर से करे बचाव

हरीतकी का सेवन मुंह और पेट के अल्सर को रोकने में फायदेमंद हो सकता है क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार, हरड़ में साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला), एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) और एंटी-अल्सर (अल्सर से बचाव) के गुणों से परिपूर्ण होता है। ये सभी गुण अल्सर के लक्षणों को कम करने में और बचाव में मदद कर सकते हैं।

6. उल्टी और जी मचलने में लाभकारी 

हरड़ आपको उल्टी और जी मचलने से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। उल्टी की समस्या हो तो हरड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से उल्टी और जी मिचलाने में शीघ्र लाभ होता है।

7. ख़ासी में पहुँचाये लाभ 

खांसी से निजात पाने के लिए आप हरड़ का सेवन कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक हरीतकी में एंटीट्यूसिव गुण (खांसी दूर करने वाला प्रभाव) होता है, जो खांसी की समस्या में काफी हद तक राहत पहुंचा सकता है, इसलिए कहा जा सकता है कि हरड़ खांसी की समस्या को दूर करने के लिए यह फायदेमंद हो सकता हो सकता है। 

8. त्वचा को रखे स्वस्थ

त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए आप हरड़ का सेवन कर सकते हैं। हरड़ में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के साथ-साथ हरड़ में रक्त शुद्ध करने वाले गुण भी होते हैं। जो रक्त में मौजूद अशुद्धियों को दूर कर, त्वचा संबंधी कई समस्याओं से बचाने में मददगार होते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए हरड़ का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

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हरितकी (हरड़) के नुकसान 

  • यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की दवा का सेवन करता है तो उस व्यक्ति को हरड़ का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • हरड़ की तासीर गर्म होने के कारण गर्मियों में अधिक मात्रा में हरड़ का सेवन करने से बचें।
  • हरड़ के रेचक गुणों के कारण हरड़ के अधिक सेवन से दस्त हो सकते हैं।
  • कुछ लोगों को हरड़ के सेवन से एलर्जी भी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को हरड़ के सेवन से किसी प्रकार की एलर्जी है तो उस व्यक्ति को हरड़ के सेवन से बचना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हरड़ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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