नीम की छाल के फायदे, पत्तों से लेकर छाल तक गुणों की खान है नीम का पेड़
नीम की छाल के फायदे (Neem Ki Chhal Ke Fayde): अगर आपके घर के सामने नीम का पेड़ है तो आप वाकई भाग्यशाली हैं। यह तो सभी जानते होंगे कि नीम कड़वा होने के बाद भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नीम की तासीर ठंडी होती है। गर्मियों में ठंडी हवा देने के साथ-साथ यह एक ऐसा पेड़ है जिसका हर अंग किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर होता है। नीम की छाल में कई ऐसे गुण होते हैं जो कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
नीम की छाल के फायदे (Neem Ki Chhal Ke Fayde)
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नीम के फायदे
नीम के गुणों के कारण ही इसे पृथ्वी का कल्प वृक्ष भी कहा जाता है। आमतौर पर लोग नीम का इस्तेमाल घाव, चर्म रोग में फायदा उठाने के लिए करते हैं। नीम का उपयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी प्रमुखता से किया जाता है।
एक बहुत ही फायदेमंद पेड़ है नीम, जिसके पत्ते और छाल का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। नीम की छाल में कई ऐसे गुण होते हैं जो कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। तो आईये इस लेख में जानते है नीम की छाल के फायदे के बारे में –
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नीम के छाल के फायदे
1. अल्सर में गुणकारी
अल्सर के मरीजों के लिए नीम की छाल बेहद फायदेमंद होती है। नीम की छाल के अर्क में मौजूद पोषक तत्व अल्सर जैसे रोग के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। नीम की छाल में एंटी-अल्सर गुण पाए जाते हैं, जिनका उपयोग अल्सर संबंधी समस्याओं से बचने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा नीम की छाल का अर्क गैस्ट्रिक हाइपरएसिडिटी के प्रभाव में भी बहुत कारगर होता है।
2. मलेरिया में फायदेमंद
मलेरिया के मरीजों के लिए नीम की छाल का प्रयोग बेहद फायदेमंद होता है। मलेरिया के दौरान बुखार होने पर नीम की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को पीने से मलेरिया के बुखार में तुरंत आराम मिलता है।
3. त्वचा एवं कील-मुंहासे पर लाभदायक
नीम की छाल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है। त्वचा में कील-मुंहासे, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या को दूर करने के लिए नीम की छाल का लेप बनाकर लगाने से ये समस्याएं खत्म हो जाती हैं। नीम की छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा रोगों से बचाने में काफी मददगार होते हैं।
त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी नीम की छाल का उपयोग किया जाता है। नीम की छाल और नीम की गिरी को पीसकर उसमें थोड़ा सा नीम के पत्तों का रस मिलाएं। इस उबटन को दाद-खुजली, खुजली वाली फुंसी में लगाने से बहुत लाभ होता है।
4. रक्त को शुद्ध करने में सहायक
नीम की छाल में शक्ति बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने और कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। नीम की छाल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो रक्त को शुद्ध करने और रक्त संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं।
5. दांतों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम
नीम की छाल दांतों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। नीम के पत्तों की छाल के चूर्ण में सोना गेरू और सेंधा नमक मिलाकर पाउडर बना लें। पाउडर को अच्छी तरह से सुखाकर किसी शीशी की बोतल में भर लें। अब इस पाउडर से रोजाना ब्रश करें, ऐसा करने से दांतों से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और दांत स्वस्थ रहते हैं।
6. पेट के दर्द में फायदेमंद
नीम की छाल पेट के दर्द को कम करने में बहुत फायदेमंद होती है। नीम की छाल को जौ के साथ पीसकर पेस्ट बना लें और उसमें थोड़ा सा नमक मिलाएं। अब इस मिश्रण को गुनगुने पानी के साथ खाएं, ऐसा करने से पेट का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।
7. उल्टी को ठीक करने में असरकारक
नीम की छाल के रस में शहद मिलाकर पीने से भी उल्टी की समस्या से छुटकारा मिलता है।
8. दस्त में असरकारक
नीम की छाल के रस का सेवन करने से आंव वाले दस्त की समस्या दूर हो जाती है।
9. मधुमेह के लक्षणों को कम करने में सहायक
मधुमेह के रोगियों के लिए नीम की छाल फायदेमंद होती है। गाजर के बीज, ढाक के बीज, काले तिल को नीम की छाल के साथ पीसकर पुराने गुणों के साथ मिला लें। अब इस मिश्रण को मिट्टी के बर्तन में पानी के साथ अच्छी तरह से पका लें। इसके बाद इस पानी को अच्छे से छानकर पी लें, इससे डायबिटीज के लक्षण कम हो सकते हैं।
10. प्रसव के दर्द और संक्रमण को कम करने में सहायक
संतान प्राप्ति की समस्या से निजात पाने के लिए नीम की छाल का प्रयोग किया जा सकता है। नीम की छाल को पानी के साथ पीसकर उसमें घी मिलाकर कांजी के साथ पीएं। ऐसा करने से बच्चे के जन्म के समय उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात मिल सकती है।
11. गठिया के दर्द को कम करने में सहायक
गठिया के मरीजों के लिए नीम की छाल बेहद फायदेमंद होती है। नीम की छाल को थोड़े से पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को दर्द वाले हिस्से पर लगाने से गठिया के दर्द और सूजन दोनों में आराम मिलता है। इसके अलावा नीम की छाल का अर्क दो-तीन दिन तक लें और इसका सेवन करने के बाद घी में लिपटे रोटी का सेवन करें। ऐसा करने से लकवा की समस्या भी ठीक हो जाती है।
12. प्रदर (ल्यूकोरिया) को ख़त्म करने में लाभकारी
प्रदर के रोगियों के लिए नीम की छाल का प्रयोग बहुत लाभकारी होता है। प्रदर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नीम की छाल और बबूल की छाल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को सुबह-शाम पीने से प्रदर की समस्या दूर होती है।
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