स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय, जानिए याददाश्त बढ़ाने की घरेलू उपाय

स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय (Smaran Shakti Badhane ke Upay): कोई भी हो या किसी उम्र का हो, अक्सर सुनने में आता है कि मुझे कुछ भी याद नहीं रहता या याददाश्त कमजोर हो रही है। औसतन अधिकांश लोगों की स्मरण शक्ति लगभग एक समान होती है, लेकिन कुछ प्रतिभाशाली लोगों की स्मरण शक्ति अद्भुत भी होती है। अत: यह कहा जा सकता है कि memory power एक अर्जित गुण है जिसका कम या तेज होना या कर लेना बहुत कुछ हमारे ऊपर भी निर्भर करता है। 

स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय (Smaran Shakti Badhane ke Upay)

स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय
smaran shakti kaise badhaye

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि स्मरण शक्ति का हमारी रुचि से गहरा संबंध है। वैसे तो स्वास्थ्य की दृष्टि से याददाश्त कमजोर होने के कारण शारीरिक और मस्तिष्क की दुर्बलता, अति चंचलता, एकाग्रता की कमी और खान-पान का असंयम माने जाते हैं।

परन्तु आज हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप बिना दवाई के भी अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है, इसलिए स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए जीवनशैली, खान-पान और व्यायाम पर ध्यान देना जरूरी है।

एकाग्र होकर पढ़ने से, बार-बार याद करने से और स्वस्थ रहते हुए प्रकृति के नियमों का पालन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए हमें पहले अपने मस्तिष्क की बनावट के बारे में जानना जरुरी है, तो चलिए जानते है मस्तिष्क की संरचना के बारे में –

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मस्तिष्क की संरचना

आकृति में मस्तिष्क शरीर का पांचवा हिस्सा है, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण है। मस्तिष्क के अंदर और बाहर जाने वाले तंत्रिका तंतुओं की संख्या लगभग 200 मिलियन है। यहां से ही हर शारीरिक और मानसिक स्पंदन का निर्गमन (निकलना) होता है।

मनुष्य यदि सब कुछ खो भी दे, तो भी उसकी बुद्धि अक्षुण्ण रहनी चाहिए। तब मनुष्य शून्य में भी सृजन कर सकता है। शुरुआत में हमें पच्चीस साल की उम्र तक की ज्यादातर बातें याद रहती हैं। 25 साल बाद काम की ही बातें ही याद रहती है। उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होने लगती है।

मेच्योरिटी 40 की उम्र के बाद आती है। अच्छी स्मरण शक्ति के लिए तन और मन स्वस्थ होना चाहिए।

1. याददाश्त कम होने के लक्षण 

पढ़ी, देखी, सुनी चीजों को याद न रखना, चीजों को कहीं रखना भूल जाना, पढ़ने के बाद याद रखने की इच्छा में कमी, अरुचि, आलस्य, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, निराशा की भावना, घबराहट आदि।

  •     सोचने की क्षमता का ह्रास
  •     मूड में बार-बार बदलाव
  •     छोटी-छोटी बातों को भी भूल जाना
  •     समय, स्थान, या नामों की विस्मृति
  •     बोलने में कठिनाई
  •     एक ही बात को बार-बार दोहराना

2. स्मरण शक्ति कमजोर होने के कारण 

हम हर दिन कुछ न कुछ भूलते रहते हैं। यह इतनी चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि यह मस्तिष्क की अपनी कार्यशैली है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में स्मरण शक्ति में कमी बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है।

इन स्थितियों में कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं और इस स्थिति में याद रखने, देखने, सुनने, सोचने आदि गतिविधियों से जुड़ी कोशिकाओं का नेटवर्क प्रभावित होता है। आइए जानते हैं कमजोर स्मरण शक्ति की विशेष परिस्थितियों के बारे में।

  • आयु – बढ़ती उम्र के साथ मानसिक कोशिकाओं की स्थिति में भी अंतर आता है।
  • थायराइड – कई बार यह रोग मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है और याददाश्त कमजोर हो जाती है।
  • डिप्रेशन – डिप्रेशन से घिरे लोग अक्सर नकारात्मक विचारों के शिकार हो जाते हैं। यह, अन्य बातों के साथ-साथ, उनकी मानसिक कोशिकाओं के कामकाज पर भी बहुत प्रभाव डालता है।
  • मेनोपॉज– मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं और एस्ट्रोजन का स्तर भी कम होने लगता है, जिसका असर उनकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है।
  • अत्यधिक नशीला पदार्थ– नशीली दवाओं के अत्यधिक सेवन से स्मरण शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

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छात्रों में स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाएं 

याददाश्त मजबूत करने के लिए खूब पढ़ें, सोचें और ध्यान करें। मन में याद रखने वाली बातों का चित्र बनाकर एक बात को दूसरी से जोड़ो। कंठस्थ करने वाली सामग्री की पुनरावृत्ति, लंबी और जटिल सामग्री का संक्षिप्तिकरण, 45 मिनट के बाद प्रमुख तत्वों की पुनरावृत्ति और मन की एकाग्रता से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

किसी भी प्रकार का व्यसन, तनाव आदि न करें। अपना खाली समय आलस्य या गपशप में न बिताएं। कक्षा में जो पढ़ाया जाएगा उसे पहले से पढ़ लें। वहां ध्यान से सुनें, नोट करें। घर आकर नोट्स तैयार करें। जो आपने याद किया है उसे लिख लें और देखें।

मन को एकाग्र और स्थिर रखने के लिए कुछ देर भ्रामरी और गुंजन प्राणायाम करें। मध्यम संगीत के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें। घर के किसी पारिवारिक मित्र या सहपाठी से प्रश्न पूछने के लिए कहें और आप उत्तर दें।

पूरी किताब को एक बार देखकर याद करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन अध्याय-दर-अध्याय पढ़ें, याद करते रहें। ऐसे पूरी किताब याद कर सकेंगे। जब भी आपको समय मिले किताब के पन्ने पलटें और याद रखने वाली चीजों को रिवाइज करें।

1. स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए क्या खाएं

भोजन मस्तिष्क की आवश्यकता को पूरा करता है। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। सुपाच्य, हल्का, संतुलित, पौष्टिक भोजन नियमित समय पर करें।

पत्तेदार सब्जियां, सलाद, लहसुन, दूध, दही, दाल, पत्ता गोभी, फूलगोभी, सौंफ, गुड़, अगर पेठा, तिल, पालक खाएं, तरबूज, गाजर, चुकंदर, लौकी भी खाएं।

फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, नारियल, लीची, आम, सेब, संतरा, टमाटर आदि खाएं।

सहयोगी उपाय 

  • मानसिक परिश्रम करने वाले स्मरण शक्ति को बनाए रखने के लिए अधिक प्रोटीन (दालें) खाएं।
  • भीगे हुए बादाम को पीसकर उसमें शहद और संतरे का रस मिलाकर सुबह सेवन करें।
  • खरबूजा-तरबूज की मींगी (बीज के अंदर का गूदा) स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
  • बड़ के कोमल पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें, इसे एक गिलास पानी में उबालकर छान लें और मिश्री के साथ पीएं। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
  • गाजर का सलाद और हलवा याददाश्त बढ़ाता है।
  • चुकंदर दिमाग को अलर्ट रखता है।
  • अखरोट या बादाम किसी भी रूप में किसी के भी साथ खाएं। स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

आंवला मुरब्बा मेमोरी बूस्टर है। गुलाब का गुलकंद भी यही काम करता है। सुबह एक या दो सेब खाकर गर्म दूध पीने या 15 मिनट बाद खाना खाने से प्राप्त फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइडे्रड आक्साइड याददाश्त बढ़ाते हैं। अंगूर खाने से दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ती है।

सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच खाना खाने के बाद लेने से बुद्धि बढ़ती है। लौकी की सब्जी खाने और लौकी का तेल सिर पर लगाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। भीगी हुई उड़द को पीसकर उसमे दूध व शक्कर मिलाकर पीने से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है।

धनिये के चूर्ण को उबालकर काढ़ा बनाकर रोजाना एक चम्मच मिश्री के साथ लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

2. क्या नहीं खाना चाहिए

तीखी चाय और नशीले पदार्थों से दूर रहें और तंबाकू या गुटखा भी न खाएं।

सहयोगी उपाय क्या करें

रोज सुबह खुली हवा में टहलने जाएं। नियमित रूप से रूचिकर व्यायाम करें। शब्दों और पाठों को एकाग्रता और ध्यान के साथ याद करें। देर रात तक न जागें, भरपूर नींद लें। खाने, व्यायाम और आराम में संयम बरतें। समय-समय पर मस्ती करते रहें। दिन में ज्यादा न सोएं। 

सूर्योदय से दो घंटे पहले उठना न भूलें। तनाव, क्रोध, चिंता से दूर रहें। अपनी स्मरण शक्ति के बारे में चिंता न करें। अपने अनुसार समय का सदुपयोग करें। आपको स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय से अवश्य लाभ होगा।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के योग

ताड़ासन, पद्मासन, पादहस्तासन, हलासन, पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन आदि बहुत लाभकारी आसन हैं। ये आसन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करते हैं। इन आसनों के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क में स्मृति केंद्रों के आकार, तरंग गतिविधि के साथ-साथ मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति और ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ता है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए नियमित रूप से योग करना बहुत फायदेमंद होता है।

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ध्यान देने योग्य बातें 

  • हमें हमेशा सकारात्मक विचारों को आत्मसात करना चाहिए, नकारात्मक विचार हमें तनावग्रस्त करते हैं और हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं तनाव से बहुत प्रभावित होती हैं।
  • स्मरण शक्ति बढ़ाने के एक बहुत ही सरल उपाय हैं, कि आप रात को सोने से पहले पूरे दिन की अपनी दिनचर्या के बारे में जरूर सोचें।
  • रात को सोने से पहले शवासन की मुद्रा में बिस्तर पर लेटकर तीन के सेट में चार बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। यह आदत आपकी याददाश्त को तेज करने का काम करती है।

अगर अत्यधिक तनाव या माइग्रेन है, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। तनाव की वजह से अगर शुगर या हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ भी रही हो तो, बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, नहीं तो यह सब बाद में याददाश्त कमजोर करने का कारण बन सकते है।

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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