महत्व सावन, शिव और शमी का। शमी पत्र का महत्व 

महत्व सावन, शिव और शमी का (Mahatva Sawan Shiva Aur Shami Ka): सावन का महीना भोले बाबा के भक्तों के लिए तो एक वरदान समान होता है, बाबा की आराधना के लिए। सावन के महीने में भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण कई तरह की चीजें चढ़ाते हैं। जी हाँ, यह तो सभी जानते हैं कि भगवान शिव को हरी भांग और बिल्वपत्र का भोग लगाया जाता है, जो भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव को बेलपत्र के अलावा शमी के पत्ते भी चढ़ाने चाहिए।

(Mahatva Sawan Shiva Aur Shami Ka) महत्व सावन शिव और शमी का। शमी पत्र का महत्व

महत्व सावन, शिव और शमी का
Mahatva Sawan Shiva Aur Shami Ka

शिव और सावन

वैसे तो कहते हैं कि भगवान को आपसे कुछ नहीं चाहिए, भगवान आपके नैवेद्य आपके धन दौलत आपके चढ़ावे से प्रसन्न नहीं होते। उन्हें इन सब से क्या मतलब भगवान को तो बस आपके सच्चे भाव ही प्रिय हैं। भोले बाबा स्वभाव से ही भोले हैं, इतने दयालु हैं कि अपने भक्तों की हर मनोकामना को तुरंत ही पूरा कर देते हैं। 

परंतु सब कुछ जानते हुए भी अगर सांसारिक प्राणी अपने मन की ना करें तो भी उसे चैन नहीं आता, अब बात आती है कि आखिर मन क्या कहता है? भक्तिभाव में रमा मन तो बस वही कहता है कि तू अपना सर्वस्व अर्पण कर दे, परंतु अब मन के ऊपर दिमाग बैठा है वह निर्देश देता है कि जितना कर सकते हो उतना ही करो मतलब तुम्हारे पास जो धन है, जो संपदा है उसमें से प्रभु को कुछ अर्पण करो और अपना समर्पण करो।

अब बात आती है कि प्रभु को क्या अर्पण करें ?  जिससे हमारे भोले बाबा प्रसन्न हो जाए और हमारी जितनी दुख तकलीफ परेशानियां है उन्हें हर ले। तब एक बार फिर हम अपना सारा ध्यान एक पौराणिक कथा पर ले जाते हैं। 

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शमी पत्र का महत्व

कथा के अनुसार, शिव को प्रसन्न करने के आसान उपाय के लिए जब ऋषियों ने, परमपिता ब्रह्मा से याचना की, तब ब्रह्मदेव ने भोले बाबा को प्रसन्न करने के उपाय में बताया कि महादेव को कमल बहुत प्रिय है। यह सुनकर ऋषियों में आंतरिक उत्साह की जागृति हुई, और ऋषियों के प्रश्न ब्रह्मदेव के सामने बढ़ते गये। उनमें से एक ऋषि समूह ने पूछा कि, ब्रह्मदेव कमल के अलावा भोलेनाथ को और क्या पसंद है?

तब ब्रह्मदेव ने ऋषियों को बताया कि महादेव, सौ कमलदल चढ़ाने से जितना प्रसन्न होते हैं, उतना केवल एक नीलकमल चढ़ाने पर हो जाते हैं। महादेव को एक हजार नीलकमल चढ़ाने के बराबर का महत्व, केवल एक बेलपत्र का है। तथा एक हजार बेलपत्र चढ़ाने के फल के बराबर केवल एक शमी पत्र का होता है।

शमी पत्र बाबा भोले को अर्पण करने से धन और सौभाग्य में चतुर्दिक वृद्धि होती है।

अब बारी आती है क्या सांसारिक वस्तु अगर हम बाबा भोले को अर्पण करते हैं, तो हमारे भाव क्या होने चाहिए? कैसे होने चाहिए? तो बहुत ही साधारण और अत्यंत साधारण बात यह है कि मन और भाव दोनों बाबा को समर्पित हो, बाकी आप बाबा भोले पर छोड़ दो। 

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