घर में दरिद्रता कैसे आती है? जहां महिलाओं का होता है सम्मान वहीं बसती हैं लक्ष्मी

घर में दरिद्रता कैसे आती है (Ghar Mein Daridrata Kaise Aati Hai): कहते हैं, जिस घर के सदस्य आपस में निरंतर लड़ते-झगड़ते हों, वहां से लक्ष्मी, सुख-समृद्धि को लेकर कोसों दूर चली जाती हैं। जिससे दुख, दरिद्रता घर में वास करने लगती है। कुछ ऐसी ही बातें यहां प्रस्तुत हैं जो घर में दरिद्रता आने के कारण व अशांति की वजह बनती है – 

घर में दरिद्रता कैसे आती है (Ghar Mein Daridrata Kaise Aati Hai)?

घर में दरिद्रता कैसे आती है
Ghar Mein Daridrata Kaise Aati Hai

जीवन का आनंद तो तभी आता है जब घर के सारे सदस्य प्रसन्न और सुखी हों। लेकिन हम बिना कुछ सोचे-समझें ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसका खामियाजा घर के सारे लोगों को उठाना पड़ता है। कुछ और भी बातें हैं जो सुखी जीवन के लिए अशुभ होती हैं –

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घर में दरिद्रता कैसे आती है?

दरिद्रता के कारण

  • जिस घर में दक्षिण की ओर मुंह करके स्त्रियां रसोई बनाती हों, उस घर में हमेशा दरिद्रता बनी रहती है। 
  • पूजा घर में यदि मृत संबंधियों की तस्वीर रखी हो, तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। 
  • झाड़ू को ठोकर मारना या पैरों के नीचे कुचला जाना भी अच्छा नहीं माना जाता। 
  • घर में यदि बाथरूम और टॉयलेट के दरवाजे हमेशा खुले रहते हों तो घर का वातावरण दूषित होता है। इससे सेहत भी प्रभावित होता है। 
  • जो घर निरंतर अंधेरे में डूबा रहता हो तथा सूर्य की रोशनी भी पहुंचती हो, ऐसे घर भी सेहत को प्रभावित करते हैं। 
  • जिस घर के स्वामी अपनी पत्नी को दासी समझते हों और उनका निरादर करते हों, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता। इसके विपरीत जिस घर में महिलाओं का सम्मान होता है, उनको आदर दिया जाता है, वहां कभी भी कोई परेशानी नहीं आती और लक्ष्मी की कृपा भी उस घर पर बनी रहती है। 

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  • जो लोग हमेशा अपनी परेशानियों का रोना लेकर बैठे रहते हों, वे जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पातें।
  • यदि घर में भगवान पर बासी सूखे हुए फूल कई दिनों तक चढ़े रहते हों तो इसमें घर के सदस्यों के बीच मतभेद होता है। 
  • जिस घर में टूटे-फूटे बर्तन या टूटी खाट पड़ी हो तो यह अशुभ संकेत है। यह परिवारिक कलह का कारण होता है। 
  • मुख्य द्वार के सामने जूते-चप्पल भी नहीं रखनी चाहिए और कूड़ेदान को भी ढक कर रखना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर मानसिक दुर्बलता बढ़ती है। 
  • घर में दीमक, मधुमक्खी का छत्ता, चमगादड़ का बसेरा या चिलों का बैठना अशुभ माना जाता है। 
  • जिस घर में आत्मीयजनों के प्रति खराब व्यवहार किया जाता हो और घर आए अतिथियों की आवभगत भी नहीं होती हो तो भगवान रुष्ट होते हैं। 
  • रसोई अथवा मंदिर के ऊपर शयनकक्ष बनाना भी अच्छा नहीं होता। यदि ऐसा है तो घर में आर्थिक परेशानी रहती है। घर के बच्चें भी अस्वस्थ रहते हैं।  
  • जिस घर में प्रतिदिन प्रभु के समक्ष दीपक न जलता हो और स्त्रियां शयनकक्ष में ही झूठे बर्तन रखती हों, तो उस घर में कभी बरकत नहीं होती। 

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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