घर में दरिद्रता आने के कारण, खास उपाय – घर में कभी गरीबी नहीं आएगी
घर में दरिद्रता आने के कारण (Ghar Me Daridrata Aane Ke Karan): प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में चाहता है कि वह हमेशा आगे बढ़े इसके लिए वह पूरी लगन से मेहनत करता है, परंतु इसके बाद भी जीवन भर गरीबी के चंगुल में फंस के रह जाता हैं। तो, इससे बचने के लिए आइए जानें घर में दरिद्रता आने के कारण व दरिद्रता दूर करने के लिए उपाय के बारे में –
घर में दरिद्रता आने के कारण (Ghar Me Daridrata Aane Ke Karan)
प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में चाहता है कि वह हमेशा आगे बढ़े इसके लिए वह पूरी लगन से मेहनत करता है, परंतु इसके बाद भी जीवन भर गरीबी के चंगुल में फंस के रह जाता हैं। वह अमीर होने के सपनो के उधेड़बुन में अपनी वर्तमान जिंदगी को कोसते रह जाता हैं।
अज्ञानता वश इसके पीछे के कारणों को वह समझ नहीं पाता है कि यह सब वास्तु शास्त्र के कारण हो रहा है, जिससे उनके घर में स्थायी दरिद्रता का वास हो गया है, और वह अपनी किस्मत को दोषी मानते रह जाता हैं। घर किराए पर लेते समय या अपना घर बनवाते समय वास्तु का ध्यान न देना, दरिद्रता को आमंत्रित करने में बहुत बड़ा योगदान दे जाता है।
वास्तु शास्त्र का ध्यान न देने से वहां वास करने वाले सदस्यों के बीच बात – विचार दोषपूर्ण हो जाता है। फिर उनके बीच कलह होने लगता है, जैसे ही यह स्थिति उत्पन्न होती है, तो मां लक्ष्मी उस घर से रूठ जाती हैं जिसके फलस्वरूप गरीबी अपना पैर जमा लेती है।
यह भी पढ़े – दुख का सामना कैसे करें? ऐसे दूर होंगे जीवन के कष्ट
दरिद्रता क्यों आती है?
घर में गंदगी, बदबू और सीलन तथा वास्तुशास्त्र के अनुसार बहुत से ऐसे कार्य हैं, जिनके करने से घर में हमेशा दरिद्रता का वास रहता है। टूटा हुआ सामान उपयोग करना, चालीस दिन से ज्यादा बाल रखना, टूटी हुई कन्घी से बाल संवारना, श्मशान भूमि में हसना। ऐसा घर जहां स्त्री हमेशा क्रोधित रहती है और कभी खुश नहीं रहती है, तथा सूर्योदय के बाद घर की सफाई करने से घर में दरिद्रता का वास हो जाता है।
ग्रह दोष से भी दरिद्रता
जब कुंडली में तीनों शुभ कारक ग्रह (लग्नेश, पंचमेश, नवमेश) बहुत पीडि़त या कमजोर स्थिति में हों। जब धनभाव में कालसर्प योग बने और अन्य ग्रहस्थिति भी कमजोर हो। जब सूर्य और चंद्रमा परम नीच में हों और नीचभंग ना हो। पाप ग्रहों का धनभाव में नीच राशि में बैठने से भी दरिद्रता उत्पन्न होती है।
यह भी पढ़े – घर बनाने का उपाय, पूरा होगा मकान का सपना
घर की दरिद्रता दूर करने के उपाय
रविवार को सुबह ताजे राई के पत्तों को शुद्ध और ताजे पानी से भरे एक घड़े में डालकर ऊँ सूर्याय नमः मंत्र बोलते हुए अभिमंत्रित करके जो कोई भी उस जल से स्नान करेगा, उसकी दरिद्रता का हमेशा के लिए नाश हो जायेगी।
घर की दरिद्रता दूर करने के लिए 8 चौपाई
दरिद्रता दूर करने के लिए राम चौपाई – मंत्र का काम करती हैं। इन चौपाइयों का नित्य श्रद्धापूवर्क जाप करने से आपके जीवन से दरिद्रता का नाश हो जायेगा।
दोहा-
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
चौपाई 1-
जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।
चौपाई 2-
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।
चौपाई 3-
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।
चौपाई 4-
मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।
दोहा
सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु।
आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु।।
चौपाई 5-
एक समय सब सहित समाजा। राजसभाँ रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।
चौपाई 6-
नृप सब रहहिं कृपा अभिलाषें। लोकप करहिं प्रीति रुख राखें।।
वन तीनि काल जग माहीं। भूरिभाग दसरथ सम नाहीं।।
चौपाई 7-
मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।
चौपाई 8-
श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुँ जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।
यह भी पढ़े – व्यापार वृद्धि के लिए लक्ष्मी मंत्र, व्यापार वृद्धि के लिए सिद्ध मंत्र
व्यापार में सफलता के उपाय
रविवार को सुबह के समय तीन अलग-अलग छोटे बर्तनों में लाल राई काली तिल, साबुत धनिया तथा साबुत नमक मिलाकर अपने व्यापार स्थल पर रखे। इससे ग्राहक बढ़ेंगे और व्यापार में वृद्धि होने लगेगी।
घर में मां लक्ष्मी कैसे आएंगी?
- घर के सदस्यों को उगते सूर्य का दर्शन और आपस में सामंजस्य बना के रखना।
- एकादशी और पूर्णिमा के दिन गोमाता की सेवा तथा श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मण भोज का आयोजन।
- शुक्रवार को दही और मखाना का दान।
- नित्य संध्या काल में दीप प्रज्वलन (रोज शाम को घर के मंदिर में दीपक जलायें)।
- रविवार और बृहस्पतिवार को गेहूं का दान करें।
यह भी पढ़े – दिशाशूल क्या है? दिशाशूल के उपाय – किस दिन किस दिशा में ना जाये?
अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।