गायत्री मंत्र के चमत्कार, गायत्री मंत्र से मंगल ही मंगल
गायत्री मंत्र के चमत्कार (Gayatri Mantra Ke Chamatkar): गायत्री मंत्र से आध्यात्मिक और भौतिक दोनों प्रकार के लाभ मिलते हैं। शरीर निरोग रहता है, स्वभाव में नम्रता आती है, बुद्धि शुद्ध होने से दूरदर्शिता बढ़ती है और स्मरण शक्ति का विकास होता है। इस तरह गायत्री साधना से सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं –
गायत्री मंत्र के चमत्कार (Gayatri Mantra Ke Chamatkar)
गायत्री मंत्र एक वैदिक मंत्र है, जिसे सभी मंत्रों में उच्च स्थान प्राप्त है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ में कहा भी है कि मैं मंत्रों में गायत्री मंत्र हूं। इस रहस्यमयी मंत्र से मनुष्य की समस्त विपत्तियां और कठिनाइयां दूर हो जाती है, वहीं इहलोक और परलोक सुखमय व्यतीत होता है।
इस चमत्कारिक मंत्र का महत्व तंत्रशास्त्र में भी है। यहां इस मंत्र से जुड़े अनेक प्रयोग दिए गए हैं, जो सारे मनोरथ को सिद्ध करने वाले हैं।
गायत्री मंत्र उपचार
दांत की पीड़ा से परेशान रहते हों तो इसके लिए भी गायत्री मंत्र कारगर है। इसके लिए सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के समय गायत्री मंत्र की एक माला जपकर सिद्ध कर लें। उसके बाद तीन इंच लंबी एक कील दंत रोगी से मंगवाकर नीम के पेड़ के पास जाएं।
रोगी के जिस दांत में दर्द हो, उसे पकड़कर वह कील नीम के पेड़ में गायत्री मंत्र पढ़ते हुए ठोक दें। दांत का दर्द दूर हो जाएगा।
लाल करवीर के फूल को घी में मिलाकर गायत्री मंत्र द्वारा हवन करें। सभी प्रकार के ज्वर नष्ट हो जाएंगे।
कफ रोगों में ‘ए’, पित्त रोगों में ‘ऐं’ तथा वात रोगों में ‘हूं’ बीज मंत्र का संपुट देकर गायत्री मंत्र का जप करने से रोग का निवारण शीघ्र होता है।
गायत्री मंत्र का जादू
- सूर्योदय से पहले स्नान करके प्रतिदिन एक हजार बार गायत्री मंत्र का जप करने से आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है।
- शनिवार के दिन पीपल के एक पत्ते को घर लाकर उसे गंगाजल से धो लें। फिर उस पत्ते को गायत्री मंत्र की एक माला पढ़कर अभिमंत्रित करके अपनी तिजोरी में रख दें। अगले शनिवार को वह पत्ता पीपल के पेड़ के नीचे डालकर पुनः नया पत्ता लाकर उपरोक्त क्रिया दोहराएं। धन में वृद्धि होती रहेगी।
- सवा मीटर सफेद कपड़े पर गुलाब के 1-2 फूल रखकर गायत्री मंत्र पढ़ते हुए उसकी पोटली बना लें। फिर उस पोटली को नदी में प्रवाहित कर दें। इससे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।
- सोने से पूर्व हाथ-पैर धोकर गायत्री मंत्र की एक माला का जप करने और अपने सिरहाने कपूर जलाने से अनिद्रा रोग दूर होता है। लाल चंदन की स्याही और अनार की कलम द्वारा पीपल के एक पत्ते पर शत्रु का नाम लिखें। फिर उस पत्ते को उलटा रखकर गायत्री मंत्र पढ़ते हुए उस पर चम्मच से बार- बार जल डालें। ध्यान रहे, इस समय आपका मुंह पश्चिम दिशा की ओर ही रहना चाहिए। इस प्रयोग से शीघ्र ही शत्रु का स्वभाव आपके पक्ष में सकारात्मक हो जाएगा।
- दूध पीकर एक लाख बार गायत्री मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।
- घी पीकर एक लाख बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्धि अत्यंत तीव्र हो जाती है।
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- तीन रात उपवास करके खैर की लकड़ी को घृत में डुबोकर गायत्री मंत्र द्वारा हवन करने से साधक को लाभ मिलता है। मां गायत्री की कृपा दृष्टि उसके ऊपर बनी रहती है।
- घर से भागे हुए व्यक्ति की फोटो के समक्ष किसी शुभ मुहूर्त में बार-बार गायत्री मंत्र पढ़ें। घर से भागा हुआ मनुष्य शीघ्र ही घर लौट आएगा।
- गायत्री मंत्र की एक माला का जप करके कार्य का शुभारंभ करने से वह काम अवश्य पूर्ण होता है।
- दीपावली या होली के दिन कच्चा सूत लेकर गायत्री मंत्र का जप करते हुए दुकान, फैक्ट्री या कार्यालय में रोली के छींटे मारें। फिर वह सूत वहीं पर किसी ऊंची जगह पर लटका दें। इस प्रयोग से साझेदारी में घनिष्ठता आती है और व्यापार में वृद्धि होती है।
- जौ को घी में मिलाकर गायत्री मंत्र द्वारा एक लाख बार हवन करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- गायत्री मंत्र में ‘श्रीं श्रीं श्रीं’ का संपुट देकर जप करने से दरिद्रता अवश्य दूर होती है। इसे नियमित रूप से करें। इसका लाभ अवश्य ही होता है।
- एक हजार बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित जल द्वारा नित्य स्नान करें। पाप, अशांति तथा व्याधियों का नाश हो जाएगा। और जीवन में सुख-समृद्धि आती रहती है। इस तरह गायत्री मंत्र का जाप करने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।