उद्यान वास्तु टिप्स । घर के आस-पास बाग लगाए, ध्यान से !

उद्यान वास्तु टिप्स (Udyan Vastu Tips): आजकल घरों के आसपास पार्को एवं बाग-बगीचों का चलन बढ़ता जा रहा है। चाहे हाउसिंग कॉलोनियां हों या अपना घर, हर जगह बाग-बगीचे जरूर बनाए जाते हैं, ताकि लोग अपने दैनिक जीवन की थकान उतारने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकें। पर यहां भी वास्तु का महत्व है। 

उद्यान वास्तु टिप्स (Udyan Vastu Tips)

उद्यान वास्तु टिप्स
Udyan Vastu Tips

घर के दोषों के निवारण के लिए वास्तु का इस्तेमाल करना आम बात है, पर यदि उद्यान के निर्माण के दौरान वास्तु का पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी सुख-शांति पर पड़ सकता है, इसलिए वास्तु का प्रयोग उद्यान में भी किया जाना आवश्यक है। 

गार्डन वास्तु

जिस तरह हम अपने घर को बनाने में वास्तु या दूसरे विज्ञानों का इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी तरह उद्यानों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे न सिर्फ यहां आने वाले लोगों को शांति मिलती है, बल्कि यह आवास में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

दरअसल उद्यान के निर्माण में वास्तु के नियमों का पालन करने से यह अशुभ एवं शुभ ऊर्जाओं के मध्य एक संतुलन बनाए रखता है क्योंकि लकड़ी, कंक्रीट, स्टील, ईटें और अन्य ठोस सामग्रियां जो भवन निर्माण में इस्तेमाल की जाती है, वह नकारात्मक होती है। जबकि पृथ्वी, फूल, पौधे और तालाब आदि सकारात्मक होते हैं। 

उद्यान में लगे पौधे सदाबहार होने चाहिए, जिससे यह निरंतर रक्षक ऊर्जा प्रवाहित करते रहें। पौधे सदा स्वस्थ एवं हरे-भरे होने चाहिए, यदि ये अस्वस्थ हुए, तो नकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित कर वातावरण को भी अस्वस्थ बना देंगे। जल प्रवाहित करते फव्वारे अच्छी सकारात्मक ऊर्जा प्रचुर मात्रा में उत्सर्जित करते हैं। 

जल का प्रवाह ऊर्जा को आकर्षित करता है। जल का प्रवाह, धन प्रवाह का प्रतीक है और अधिक संपत्ति के आने में मार्ग प्रशस्त करता है। 

पढ़ना जारी रखें

छोटे-बड़े तालाब सकारात्मक ऊर्जा के अच्छे स्रोत होते हैं, बशर्तें उनमें बड़ी स्वस्थ मछलियां पाली गई हों। स्वर्ण अथवा रजत मछली सोने और चांदी के सिक्के का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो सम्पन्नता के महत्वपूर्ण प्रतीक माने जाते हैं। 

यदि आपके उद्यान में तालाब है, तो इसे आपके भवन की ओर घुमावदार होना चाहिए, जिससे जल आपके भवन का आलिंगन करता प्रतीत हो। इस स्थिति में जल, भवन की सुरक्षा करेगा। यदि इसका घुमाव दूसरी ओर होगा, तो जल के अशुभ नकारात्मक तीर आपके घर की दिशा में दुष्प्रभाव डालेंगे। 

उद्यान में मिले-जुले पेड़-पौधे लगाए, जिससे सामूहिक रूप से किसी का अस्तित्व किसी को हानि न पहुंचा सकें। इससे संतुलन भी बना रहता है। 

यह ध्यान रखें कि आपके उद्यान से मार्ग थोड़ा घुमावदार हो, जिससे ऊर्जा का प्रवाह सुचारू गति से होता रहे। उद्यान के मार्ग कभी भी, तीखे, मुड़े हुए नहीं होने चाहिए, ये बगीचे में सर्पों की भांति घातक होते हैं। आदर्श उद्यान में घने झुरमुटों वाले पौधों की अपेक्षा हल्के, हवादार पेड़-पौधे आंखों को लुभाने वाले होते हैं। 

पढ़ना जारी रखें

संक्षेप में कहा जाए, तो आपका उद्यान पूरी तरह प्राकृतिक लगना चाहिए। 

अच्छे पौधे पर्याप्त प्रकाश के संवाहक होते हैं, जो उनका एक महत्वपूर्ण गुण होता है। अपने घर की सुरक्षा के लिए बाहर एक अच्छा सहयोगी अति आवश्यक है, जो रक्षक की भांति अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करके घर की ओर प्रवाहित कर सकें। यदि उद्यान को हम ऐसा बना सकें,  तो वह भी इसी तरह कार्य करता है। 

हमारे जीवन को संवारने वाली शक्तियों में पहला है भाग्य, दूसरा नियति, तीसरा है वास्तु के सिद्धांत, चौथा परोपकार और पांचवा है शिक्षा। 

अपने घर में वास्तु के सिद्धांतों को समाहित करके आप वित्तीय, शैक्षिक अथवा पारिवारिक संबंधों को संवारने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। वास्तु के सिद्धांतों का पालन कर आप अपने घर के मेहमानों के स्वागत के योग्य बना सकते हैं और इस प्रकार आप परोपकार की ओर अपना पहला कदम बढ़ा सकते हैं। 

यह भी पढ़े – वास्तु शास्त्र का मूल क्या है? जाने दिशाएं ही है वास्तु का आधार

अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *