सोया हुआ भाग्य जगाने के उपाय, वास्तु से सोए भाग्य को ऐसे जगाएं

सोया हुआ भाग्य जगाने के उपाय (Soya Hua Bhagya Jagane Ke Upay): जब भाग्य साथ न दे तो क्या करें? हर व्यक्ति का भाग्य उसके पूर्व कर्मों के अनुसार पहले ही निर्धारित अथवा निश्चित होता है। वास्तु भी प्रकृति के  नियमों का पालन कर मनुष्य के भाग्य का उदय करता है। यदि वास्तु गलत हो एवं भाग अनुकूल हो तो संघर्ष कम तो होंगे, परंतु समाप्त नहीं होंगे। आइए जानें, कैसे वास्तु सोए हुए भाग्य को संवारता है ?

सोया हुआ भाग्य जगाने के उपाय (Soya Hua Bhagya Jagane Ke Upay)

सोया हुआ भाग्य जगाने के उपाय
Soya hua bhagya jagane ke upay

किस्मत चमकाने के आसान उपाय

यदि भाग्य ठीक न हो और वास्तु अनुकूल हो, तो परेशानियां कम होंगी, लेकिन खत्म नहीं। वही भाग्य एवं वास्तु  दोनों ही खराब हो, तो मनुष्य जीवन भर संघर्षपूर्ण स्थिति से निजात नहीं पा सकता। वास्तु शास्त्र प्रकृति के अनुसंधान पर आधारित वह उच्च कोटि का विज्ञान है, जो हमें पांच भौतिक तत्व जल, वायु, अग्नि, आकाश व भूमि में संतुलन बनाए रखने की शिक्षा देता है। 

उत्तरी दिशा से मनुष्य की चुंबकीय या गुरुत्वाकर्षण शक्ति की प्राप्ति होती है जो मस्तिष्क को सजग रखने में हमारी मदद करती है। पूर्व दिशा से सौर ऊर्जा का आगमन होता है, जो मनुष्य के शरीर को ऊर्जावान करने में सहायता करती है। जबकि उत्तर-पूर्वी दिशा मनुष्य को ऊर्जा अर्थात प्राण-ऊर्जा प्रदान करती है। जिसके कारण मनुष्य स्वयं को क्रियाशील महसूस करता है।

वास्तु द्वारा हम भाग्य को बदल तो नहीं सकते, पर अपने जीवन को सुखमय बनाने और उसके मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने की चेष्टा जरूर कर सकते हैं। वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप उपाय कर जीवन की कठिनाइयां कम की जा सकती हैं।

वास्तु से सोए भाग्य को ऐसे जगाएं

  • उत्तर तथा उत्तरी-पूर्वी  दिशा में स्थित भूमिगत जल व्यवस्था से घर में रहने वालों को ज्ञान और की प्राप्ति और कारोबार में वांछित उन्नति होती है। 
  • जिस भवन के चारों तरफ घूमने के लिए पर्याप्त रास्ता होता है, उसमें रहने वाले लोग को अपार धन-संपदा और यश वैभव की प्राप्ति होती है। 
  • जबकि उत्तर की गली के मकान में उत्तर या उत्तर-पूर्व में दरवाजा लगवाने से आय के स्रोतों में वृद्धि तथा यश की प्राप्ति हो सकती है। पूर्व दिशा वंश वृद्धि की दिशा कहलाती है, अतः भवन निर्माण के समय भूखंड का कुछ स्थान खुला छोड़ देना चाहिए। परिवारिक खुशहाली और आर्थिक विकास हेतु इस दिशा में पेड़ पौधे लगाने चाहिए। घर में इस स्थान को स्वच्छ रखने पर किसी भी कार्य में सफल होने में देर नहीं लगती। 
  • दक्षिण-पूर्व दिशा मनुष्य को स्वास्थ्य प्रदान करती है। इस दिशा में किसी भी प्रकार के दोष का होना स्वास्थ्य की हानि, गृह स्वामी के क्रोधी होने, परिवार में एक दूसरे से वैमनस्यता और कारोबार में रुकावट की समस्या का कारण होता है। इसलिए इस स्थान पर किसी भी रूप में जल व्यवस्था नहीं करनी चाहिए। 
  • दक्षिण दिशा धन, सफलता, खुशी, संपन्नता और शांति की दात्री है। इसे जितना भारी ऊंचा रखा जाता है यह उतनी ही लाभदायी सिद्ध होती है। किंतु इस दिशा में शीशा हो, तो अनावश्यक व्यय एवं बीमारी की संभावना रहती है। 
  • नैऋर्त्य दक्षिण-पश्चिम दिशा व्यक्ति के नम्र और चरित्रवान होने में सहायक होती है। अतः भूखंड का यह भाग गृहस्वामी के शयनकक्ष हेतु अति उत्तम होता है, किंतु इसके दोषपूर्ण होने यानी इस दिशा का कटा या बढ़ा होना, इसमें जल की भूमिगत व्यवस्था, बेसमेंट अथवा गड्ढा होने से गृहस्वामी गंभीर बीमारी तथा आर्थिक व मानसिक परेशानियों से पीड़ित होता है। 

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  • जबकि पश्चिम दिशा सफलता, कीर्ति, यश और ऐश्वर्यदायनी होती है, किंतु इस दिशा में दोष होने के कारण मनुष्य का जीवन संघर्षमय रहता है। 
  • वहीं उत्तर-पश्चिम दिशा मित्रता और शत्रुता का कारक होती है। यदि यह दिशा दोष रहित कार्यों में रुकावट, मुकदमेंबाजी, अकारण दुश्मनी आदि विभिन्न समस्याओं का वाहक होता है। इस दिशा के बंद, बढ़े अथवा घटे होने या इसमें गड्ढा या भूमिगत जलाशय होने से गृहस्वामी को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • छत व फर्श की ढलान उत्तर-पूर्व, उत्तर व पूर्व में हो। भारी मूर्तियां, फोटो आदि यथासंभव दक्षिण की दीवार पर लगाएं, उत्तर की दीवार पर नहीं। 
  • हमेशा दक्षिण की ओर सिर करके सोएं- इससे स्वास्थ्य और आयु बढ़ेगी। अधिक श्रम के कारण थकान होने पर पूर्व की ओर सिर करके सोएं। इससे प्रतिकूल शक्तियां और विरोधी पक्ष अनुकूल होंगे और समस्याओं का समाधान भी होता नजर आएगा। 
  • भूखंड का उत्तर-पूर्व भाग नीचा हो या उसमें कोई गड्ढा, तालाब, झील, बहता हुआ नाला या नदी हो तो ऐसे स्थान को किसी भी कीमत पर खरीद लें। यह भूखंड लेते ही आप के कारोबार में आश्चर्यजनक वृद्धि होगी। 

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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