डाइनिंग रूम वास्तु के अनुसार, ताकि डाइनिंग रूम में हो शांति

डाइनिंग रूम वास्तु के अनुसार (Dining Room Vastu Ke Anusar): वास्तु शास्त्र में हर कमरे की तरह डाइनिंग रूम को भी महत्ता दी गई है। यह ऐसी जगह होती है, जहां शांति और सुकून होना चाहिए, वरना भोजन करना ही कठिन हो सकता है। यदि आपका डाइनिंग रूम कुछ अव्यवस्थित है, तो वास्तु के प्रयोग से ऐसे दोषों को दूर किया जा सकता है। 

डाइनिंग रूम वास्तु के अनुसार (Dining Room Vastu Ke Anusar)

डाइनिंग रूम वास्तु के अनुसार
Dining Room Vastu Ke Anusar

डाइनिंग रूम

भारतीय वास्तु शास्त्र तथा चीनी फेंगशुई में रसोईघर की भांति डाइनिंग रूम अथवा भोजन कक्ष को भी काफी महत्ता दी गई है। इसका कारण यह है कि इस स्थान पर बैठकर जहां हम भोजन करते हैं, वही आपसी वार्तालाप द्वारा सामाजिक, पारिवारिक एवं व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ भी बनाते हैं। 

डायनिंग रूम में एक साथ बैठकर भोजन करने से आपसी एकता एवं पारस्परिक संबंधों में वृद्धि भी होती है। इसलिए इसके निर्माण के साथ-साथ व्यवस्था और रखरखाव पर भी ध्यान देना जरूरी है –

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Vastu Shastra tips

  • सबसे पहले तो डाइनिंग रूम का निर्माण ईशान कोण, उत्तर-पूर्व के उत्तर तथा आग्नेय कोण, दक्षिण-पूर्व के पूर्व एवं दक्षिण में किया जाना चाहिए। 
  • लेकिन ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यदि किचन आग्नेय कोण में हो, तो डाइनिंग रूम का निर्माण घर की पूर्व दिशा में करवाएं, पर कभी भी डाइनिंग रूम को ईशान कोण में नहीं बनवाना चाहिए। इससे आपको हानि होने की प्रबल संभावना होती है। 
  • आप पश्चिम दिशा में भी डाइनिंग रूम बनवा सकते हैं, लेकिन तब जब प्लॉट आयताकार हो अथवा पूर्व-पश्चिम की लंबाई कम और उत्तर-दक्षिण की लंबाई ज्यादा हो। ऐसे में डाइनिंग टेबल, कुर्सियां आदि विभिन्न सामान दक्षिण-पूर्व में रखना चाहिए। 
  • यदि डाइनिंग रूम में दो दरवाजे हो, तो एक दरवाजे का प्रयोग रसोई घर से पका भोजन लाने के लिए और दूसरे दरवाजे का प्रयोग सदस्यों के आने-जाने के लिए किया जाना लाभप्रद हो सकता है। 

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  • यदि आपका डाइनिंग रूम रसोईघर के साथ जुड़ा हुआ हो या रसोईघर के आगे थोड़ी-सी खुली जगह हो, तो 6 कुर्सियां वाला डाइनिंग सेट वहां पर रख सकते हैं। ऐसे में वाश बेसिन पूर्व में तथा फ्रिज और तैयार भोजन पश्चिम में रखने की सलाह वास्तु शास्त्र देता है। 
  • डाइनिंग रूम में ईशान या उत्तर की ओर भोजन आदि रखने के लिए प्लेटफार्म बनवाना चाहिए अथवा उत्तर या पूर्व में बंद की जाने वाली अलमारी या भोजन को संरक्षित रखने वाले कूलिंग प्लांट आदि होना चाहिए। 
  • डाइनिंग रूम को सकारात्मक ऊर्जा ‘ची’ क्षेत्र में बनाना चाहिए तथा उसमें पर्याप्त स्थान होना चाहिए। डाइनिंग रूम रसोईघर के निकट परंतु मुख्य द्वार से दूर होना चाहिए। 
  • Dining Room सीढ़ियों के सामने, सीढ़ियों के नीचे या शौचालय आदि के निकट भी नहीं होना चाहिए। 
  • डाइनिंग रूम में भोजन की मेज कक्ष के बीचोंबीच होनी चाहिए तथा वहां पर प्रकाश व्यवस्था संतुलित होनी चाहिए। 
  • इस बात का प्रयास करें कि भोजन की मेज गोलाकार या अंडाकार हो। इसे शुभ माना जाता है। साथ ही सजावट के दृष्टिकोण से भी इन्हें उपयुक्त कहा जाता है। सम अष्टभुज, षटभुज, वर्गाकार या आयताकार मेंज अच्छी नहीं मानी जाती। 

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  • अक्सर देखा जाता है कि घर का स्वामी एक ही कुर्सी एवं स्थान पर बैठकर भोजन ग्रहण करता है। पर वास्तु के हिसाब से यह गलत है। गृह स्वामी को एक नियत स्थान या कुर्सी पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए, यानी  वह सभी कुर्सियों का उपयोग करता रहे। 
  • डाइनिंग रूम एक समान धरातल पर होना चाहिए। यदि यह कक्ष ड्राइंग रूम से नीचे हुआ, तो लाभकारी ऊर्जा ‘ची’ मेहमानों के पास चली जाएगी। 
  • वास्तु के अनुसार डायनिंग रूम में फर्नीचर ज्यादा नहीं होना चाहिए, वरना कक्ष संकीर्ण-सा प्रतीत होने लगेगा। 
  • डायनिंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए तैल चित्रों तथा दर्पणों का प्रयोग किया जा सकता है। 
  • भोजन करते समय परिवार के सदस्यों की पीठ खिड़कियों की ओर न होकर दीवार की ओर होनी चाहिए। 

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  • डायनिंग रूम में गृहस्वामी को इस प्रकार बैठना चाहिए कि उसका मुंह दरवाजे की ओर रहे। पति-पत्नी को भोजन की मेज पर आमने-सामने बैठना चाहिए। 
  • भोजन की मेज छत की कड़ियों या बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए। पंखा तथा फानूस आदि भी भोजन की मेज के ठीक ऊपर नहीं होने चाहिए। 
  • डाइनिंग रूम आरामदायक, आकर्षक और खुला-खुला होना चाहिए। डायनिंग रूम में न तो अत्यधिक प्रकाश होना चाहिए और ना ही कम। 
  • यदि व्यक्ति की पाचन क्रिया कमजोर हो या उसे भांति-भांति के भोज्य पदार्थ पसंद हो, तो डाइनिंग रूम का पूर्वी क्षेत्र उभारना चाहिए। इसके लिए पूर्वी दिशा में गोल पत्तों वाले पौधे लगाना ठीक रहता है। 
  • आप चाहे तो डाइनिंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा ‘ची’ के संतुलन के लिए वहां मोबाइल या सज्जा का सामान टांग सकते हैं तथा हल्का पार्श्व संगीत बजा सकते हैं। इससे माहौल भी खुशनुमा बन जाएगा और भोजन करने में आनंद भी आएगा। 

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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