तीज के व्रत की जानकारी, तीज व्रत में पूजा कैसे करें ?

तीज के व्रत की जानकारी(Teej Ke Vrat Ki Jankari): सनातन धर्म में विशेषकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है, जिसका विशेष महत्त्व है। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है। तो आईये जानते है तीज का व्रत कैसे रखा जाता है तथा तीज व्रत की पूजा विधि

Teej Ke Vrat Ki Jankariतीज के व्रत की जानकारी

तीज के व्रत की जानकारी
teej ke vrat ki jankari

तीज व्रत कब है 2022, तीज का व्रत कब है?

  • हिंदू पंचांग, हरियाली तीज व्रत – हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। हरियाली तीज 31 जुलाई 2022, रविवार को पड़ेगा।
  • हिंदू पंचांग, हरतालिका तीज व्रत – हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। हरतालिका तीज 30 अगस्त 2022, मंगलवार को पड़ेगा।

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तीज व्रत क्यों किया जाता है ?

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कुंवारी कन्याएं मनचाहे पति की इच्छा को मन में लेकर, अगर हरतालिका तीज का व्रत रखती है, तो उन्हें भगवान शिव की कृपा से मनचाहा पति प्राप्त होता है, और जो स्त्रियां इस व्रत को पूरी भक्ति भाव से करती हैं।

तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत से जुड़ी एक मान्यता यह है कि यह व्रत रखने वाली स्त्रियाँ, देवी पार्वती के जैसा धरती पर पति सुख पाने के पश्चात् शिवलोक को प्राप्त होती है।

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तीज व्रत का महत्व

सनातन धर्म में विशेषकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है, जिसका विशेष महत्त्व है। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति, जो कि रेत की बनी होती है, की पूजा करती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखी होता है।

1. तीज व्रत में क्या खाना चाहिए

इस व्रत के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। करवाचौथ की तरह ही सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाई जाती है और पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है।

2. तीज का व्रत कैसे रखा जाता है / तीज के व्रत की विधि

इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पहले ही उठ जाती हैं और स्नान कर पूरा श्रृंगार करती हैं। तीज का व्रत निर्जला किया जाता है। यानी पूरा दिन, पूरी रात और अगले दिन सूर्योदय के पश्‍चात ही अन्‍न और जल ग्रहण किया जाता है। पूरे दिन भजन गाया जाता है और तीज व्रत की कथा सुनाई जाती है।

यह व्रत कुंवारी कन्‍याएं और सुहागिन स्त्रियाँ दोनों रखती हैं। इस व्रत को एक बार शुरू करने के फिर छोड़ा नहीं जाता। मतलब एक साल किया और दूसरे साल छोड़ दिया ऐसा नहीं किया जाता।

3. तीज व्रत की सामग्री

व्रत से एक दिन पहले ही पूजा की पूरी सामग्री जुटा लेंना चाहिए – गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, तुलसी, मंजरी, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, जनेऊ, वस्‍त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, चीनी, दूध, दही और शहद।

4. तीज व्रत में क्या चढ़ाया जाता है

इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान माता पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है, जिसमें मेहंदी, सिंदूर, कंघी, माहौर, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम और दीपक होता है।

5. तीज व्रत की पूजा विधि / तीज व्रत में पूजा कैसे करें

तीज व्रत में पूजा कैसे करें
teej vrat mein pooja kaise karen

सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती को साक्षी मानकर व्रत का संकल्प लें। दिन भर निर्जला व्रत रहकर सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में सभी व्रती स्त्रियों के साथ मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की रेत से बनी मूर्ति को स्थापित करके सामूहिक पूजा अर्चना विधि विधान से आरंभ करें।

और अपनी पूजा के दौरान ही सुहाग की सभी वस्तुओं को माता पार्वती को अर्पित कर दें। तीज व्रत की कथा सामूहिक सुनने के बाद आरती करना न भूलें।

6. पीरियड में तीज व्रत कैसे करें

आपको स्नान आदि करने के बाद हरे या लाल रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और पूरा श्रृंगार करना चाहिए। तीज का व्रत निर्जला रहकर किया जाता है। जो आपको करना होगा।

 तीज के दिन आपको भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा स्वंय नहीं करनी चाहिए बल्कि घर की किसी अन्य महिला से करा लेनी चाहिए। यदि आपके घर में कोई अन्य महिला नहीं है तो आप यह पूजा अपने पति से भी करा सकती है। परन्तु इस बात का भी विशेष ध्यान रखना है कि आप पूजा की किसी भी चीज को, भोग और भगवान की किसी मूर्ति को भी स्पर्श न करें।

इस तरह आप अपना व्रत पीरियड में भी कर सकती है।

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