रक्षाबंधन कब मनाते है? रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? राखी का मुहूर्त कब है?

रक्षाबंधन कब मनाते है (Raksha Bandhan Kab Manate Hai)? रक्षाबंधन का त्योहार भारतीय संस्कृति के अनुसार सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें भाई बहन के बीच के प्रेम को एक स्नेह की डोरी में बांधने का प्रचलन है, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।

Raksha Bandhan Kab Manate Hai – रक्षाबंधन कब मनाते है?

रक्षाबंधन कब मनाते है?
Raksha Bandhan Kab Manate Hai ?

2023 में कब है राखी ? राखी का मुहूर्त कब है?

इस बार 30 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 10:58 AM से लेकर रात के 9:52 PM तक है, यानी कि लगभग 11 घंटे राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।

रक्षाबंधन में क्या-क्या होता है

इस दिन भाई बहन प्रातः या शुभ मुहूर्त के अनुसार नहा धोकर सामर्थ्य के अनुसार कपड़े धारण करके तैयार होते हैं।  फिर भगवान की पूजा करने के बाद बहने अपने भाई के लिए मंगल कामना करती हैं तथा राखी बांधने के लिए थाल सजाती हैं। जिस थाल में तिलक के लिए चावल रोली, आरती के लिए दीपक, अक्षत के लिए पुष्प, मुंह मीठा करने के लिए मिठाई और हाथ में बांधने के लिए राखी रहती है। भाई अपने पास अपनी बहन को देने के लिए उपहार स्वरूप कोई वस्तु रखते हैं या अपने सामर्थ्य के अनुसार रुपए।

रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई में रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। उनका तिलक करती हैं और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं। आरती करने के बाद बहन अपने भाई को मिठाई ख़िलाती है फिर भाई भी बहन का मुंह मीठा करा के उनको उपहार में रूपये या कोई वस्तु भेट में देतें हैं।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

महाभारत में एक तथ्य मिलता है जो कृष्ण और द्रौपदी के बीच का है। जो इस प्रकार है, उस समय श्रावण मास की पूर्णिमा का ही दिन था, जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था तब उनकी तर्जनी उंगली में चोट आ गई थी, यह देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण की अंगुली में बांध दिया था। इस उपकार का कृष्ण ने द्रौपदी चीर हरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया था। कहते हैं तभी से एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना से रक्षाबंधन का पर्व प्रारंभ हुआ।

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