दुर्गा माँ की भक्ति, माँ नवदुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की भक्ति के लाभ
दुर्गा माँ की भक्ति (Durga Maa Ki Bhakti): नवरात्र शुरू होते ही, 9 दिनों में मां का पूजन और व्रत किया जाता है, लेकिन इस दौरान आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। मार्कंडेय और देवी पुराण के अनुसार, देवी की पूजा और उपवास नियम के अनुसार करना चाहिए, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता, पुराणों के अनुसार इन नौ दिनों के दौरान व्यक्ति को पूर्ण संयम के साथ रहना चाहिए और इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति बढ़ती है, बल्कि मां दुर्गा की प्रसन्नता भी प्राप्त होती है।
दुर्गा माँ की भक्ति (Durga Maa Ki Bhakti)

सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार नवदुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की भक्ति, ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाकर, जानिए जातक को इन 9 दिनों में क्या-क्या प्रदान करती है ?
शैलपुत्री- सूर्य (सेहत, सफलता व प्रतिष्ठा)
चंद्रघंटा- केतु (आध्यात्मिक सुख)
कूष्माण्डा- चंद्रमा (मनोबल व मानसिक )
स्कन्दमाता- मंगल (दाम्पत्य, संतान व संपत्ति सुख)
कात्यायनी- बुध (बुद्धि, विवेक व कामयाबी)
महागौरी- गुरु (सुख, सौभाग्य, पद)
सिद्धिदात्री- शुक्र (दाम्पत्य सुख)
कालरात्रि- शनि (तन, मन व धन की पीड़ा व भाग्य बाधा खत्म होती हैं)
ब्रह्मचारिणी- राहु (तनाव, दरिद्रता व सारी मानसिक परेशानियां)
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