बांझपन के कारण, आधुनिक जीवनशैली बनी महिलाओं में बांझपन की एक गंभीर समस्या

बांझपन के कारण (Banjhpan Ke Karan): आधुनिकीकरण के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य समस्याएं कई गुना बढ़ती जा रही हैं। एक ओर जहां खान-पान में बदलाव, नौकरी में बदलाव और रहन-सहन की स्थिति के कारण जीवन स्तर में वृद्धि हुई है, तो वहीं दूसरी ओर बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियां कम उम्र में ही होने लगी हैं। इनमें से एक गंभीर समस्या महिलाओं में बांझपन के प्रतिशत का बढ़ना। अगर आप भी आधुनिक जीवनशैली अपनाने की प्रक्रिया में ये गलतियां कर रही हैं तो आप भी बांझपन (Infertility) की शिकार हो सकती हैं। तो आईये जानते है आगे विस्तार से, बांझपन के कारणों के बारे में –

बांझपन के कारण (Banjhpan Ke Karan)

बांझपन के कारण
Banjhpan Ke Karan

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बांझपन

महिलाओं में बांझपन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में बांझपन के कई कारण हो सकते हैं, जो गलत खान पान से स्वास्थ्य समस्याओं में परिवर्तित हो जाती है – जैसे ओव्यूलेशन डिसऑर्डर, फैलोपियन ट्यूब को नुकसान, एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा से संबंधित समस्या आदि। 

विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में इन्फर्टिलिटी की समस्या आधुनिक जीवनशैली में की जाने वाली कुछ आम गलतियों की वजह से बढ़ रही है। जैसे

1. खाने की गलत आदतें

इनफर्टिलिटी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार गलत खान-पान है। असमय खाना, जंक और फास्ट फूड खाने की दीवानगी का नतीजा है कम उम्र में बांझपन की समस्या। फास्ट फूड और जंक फूड खाने में मौजूद कीटनाशक शरीर में हार्मोन संतुलन को बिगाड़ देते हैं, जिससे बांझपन हो सकता है।

इसलिए खान-पान में बदलाव करें और पौष्टिक आहार का सेवन करें। अधिक से अधिक हरी सब्जियां, सूखे मेवे, बीन्स, दालें आदि खाएं।

2. शादी की उम्र भी एक वजह 

आज पुरुष और महिलाएं प्रगति और सफलता की चाह में कम उम्र में शादी नहीं करना चाहते हैं। शादी के बाद भी वे आर्थिक सुरक्षा करते हुए बच्चे के बारे में सोचने में भी समय लगाते हैं। महिलाएं भी आजकल अधिक स्वतंत्र होती जा रही हैं और वे कम उम्र में बच्चे पैदा नहीं करना चाहती हैं।

डॉक्टर के अनुसार अधिक उम्र में शादी करने से महिलाओं में डिंब की गुणवत्ता प्रभावित होती है और इन्हीं कारणों से उनमें बांझपन की संभावना भी बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप और गलत लाइफस्टाइल के कारण आजकल ज्यादातर महिलाओं में फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी समस्याएं भी होने लगी हैं।

3. शारीरिक श्रम ना करना (व्यायाम)

काम के दबाव के कारण युवाओं के लिए व्यायाम के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। प्रगति के लिए धन और भौतिक विलासिता युवाओं के लिए प्रजनन से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इस कारण जीवन का अधिक समय ऑफिस के कामों में व्यतीत होता है।

लंबे समय तक काम करने के बाद ऑफिस से थक कर घर आने के बाद ज्यादातर कपल्स में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है। यदि आप काम के साथ व्यायाम करना जारी रखते हैं तो बांझपन से बचा जा सकता है।

4. नींद की कमी

नींद की कमी के कारण भी युवाओं में बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। काम के बोझ और देर रात पार्टी करने की वजह से युवतियों को पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है, जिससे हार्मोन का असंतुलन हो जाता है और बांझपन की समस्या बढ़ जाती है।

कई शोधों में यह भी सामने आया है कि नींद की कमी के कारण हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है और बांझपन की समस्या हो सकती है। इसलिए नियमित रूप से कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।

5. अनियंत्रित वज़न 

मोटापा गलत खान-पान और व्यस्त दिनचर्या में व्यायाम के लिए समय न मिलने का परिणाम है। डॉक्टरों के अनुसार मोटापा इनफर्टिलिटी की समस्या का एक प्रमुख कारण है। अधिक वजन होने से पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

इसके अलावा जिन महिलाओं का वजन सामान्य से कम है उन्हें भी यह शिकायत हो सकती है। इसलिए अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे कम करने की कोशिश करें और अगर कम हैं तो इसे बढ़ाएं।

6. तनाव

आधुनिक जीवन शैली में लगभग हर व्यक्ति तनाव से ग्रस्त है। काम का दबाव, प्रतिस्पर्धा की भावना, ईएमआई का बोझ, जीवनशैली को बनाए रखने के लिए वित्तीय बोझ कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो हमने अपने लिए पैदा की हैं।

इन सब के चलते ज्यादातर युवा तनाव में रहते हैं और इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए ऐसे काम करें जिससे आपको तनाव न हो। तनाव के समय परिवार के सदस्यों और दोस्तों की मदद लें।

7. नशीले पदार्थों का सेवन 

आजकल युवाओं में शराब, सिगरेट, कोकीन आदि का सेवन बहुत आम है। इन सभी नशीले पदार्थों के कारण लड़के और लड़कियों दोनों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इनके अति प्रयोग से वीर्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

एक ओर जहां धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है, वहीं दूसरी ओर शराब के सेवन से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन भी कम होता है। इसके अलावा दवाओं खासकर एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से भी इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है।

8. हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर

बुजुर्गों की बीमारी मानी जाने वाली हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं आज युवाओं में बहुत आम हो गई हैं और ये उनके यौन जीवन को भी प्रभावित कर रही हैं। कंप्यूटर और लैपटॉप पर बैठना बचपन से ही आम हो गया है। यही आदत बांझपन का कारण भी बनती जा रही है।

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बांझपन का इलाज

असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (आईवीएफ) के जरिए मां बनने का आपका सपना पूरा किया जा सकता है। लेकिन ऐसे में डोनर की मदद लेनी पड़ती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं और बांझपन की समस्या से बचें।

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसे किसी भी प्रकार के चिकित्सकीय सलाह के रूप में न लें। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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