स्तन कैंसर का इलाज 40 रुपये के इंजेक्शन से, स्टेज-2 के मरीजों को भी फायदा, हर साल बचेगी एक लाख महिलाओं की जान

कैंसर क्या है, कैसे होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है तथा स्तन कैंसर का इलाज (Stan Cancer Ka ilaj) क्या है? ब्रेस्ट कैंसर को लेकर ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो महिलाओं के मन में रहते हैं। भारत में हर 10 में से एक महिला स्तन कैंसर से पीड़ित है और विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में स्तन कैंसर की इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

स्तन कैंसर का इलाज

स्तन कैंसर का इलाज
Stan Cancer Ka ilaj

स्तन कैंसर के इलाज के भी कई तरीके हैं, जैसा कि अन्य कैंसर के मामलों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि कीमोथेरेपी, विकिरण, सर्जरी, आदि। लेकिन यदि मामला उच्च जोखिम का है, तो समय-समय पर लक्षणों की जांच की जानी चाहिए और जाँच होने से Cancer के Stage का पता चल जाता है। जिससे इसके इलाज और ठीक होने की सम्भावना बढ़ जाती है। 

लेटेस्ट अपडेट

मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर पर किया गया एक शोध सफल हो गया है। जिसके मुताबिक अब 40 से 60 रुपये के एक इंजेक्शन से ही इसके मरीजों की जान बचाई जा सकती है।  इसकी घोषणा 12 सितंबर को पेरिस में आयोजित कैंसर सम्मेलन में की गई थी।

रिसर्च के दौरान 800 मरीजों को यह इंजेक्शन दिया गया और 800 लोगों को नहीं दिया गया। तब देखा गया कि जिस समूह को यह इंजेक्शन दिया गया, उसमें ठीक होने की दर में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इसके लिए लिडोकेन (Lidocaine) लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि शोध में यह पाया गया है कि एनेस्थीसिया का कैंसर विरोधी प्रभाव भी होता है।

आमतौर पर, एनेस्थीसिया का उपयोग शरीर के उस हिस्से को सुन्न करने के लिए किया जाता है, जहां कुछ प्रक्रिया की जानी है यानी ऑपरेशन या सर्जरी। यह दवा आसानी से लगभग हर जगह उपलब्ध है।

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स्तन कैंसर क्या है?

शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है स्तन। स्तन का कार्य अपने ऊतक से दूध बनाना है। ये ऊतक सूक्ष्म वाहिकाओं द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट कैंसर वेसल्स में छोटे-छोटे हार्ड पार्टिकल्स जमा होने लगते हैं या ब्रेस्ट टिश्यू में छोटे-छोटे गांठ बनने लगते हैं, तो उसे कैंसर कहते है।

स्तन कैंसर के कारण

1. मासिक धर्म में बदलाव

महिलाओं को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि अगर आपको मासिक धर्म या पीरियड्स में कुछ बदलाव दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उदाहरण के लिए, यदि मासिक धर्म 12 वर्ष की आयु से पहले शुरू होता है या यदि आप 30 वर्ष की आयु के बाद गर्भवती हो या फिर 55 वर्ष की आयु के बाद रजोनिवृत्ति (Menopause) हो या यदि आपके मासिक धर्म की अवधि 26 दिनों से कम या 29 दिनों से अधिक हो।

2. नशीली दवाओं का सेवन

 शराब, सिगरेट या नशीली दवाओं के सेवन से भी महिलाओं में स्तन कैंसर होता है और अब इसकी संख्या बढ़ गई है। किसी भी नशीले पदार्थ के अधिक सेवन से शरीर में कैंसर होता है। 

3. पारिवारिक इतिहास 

पारिवारिक इतिहास स्तन कैंसर की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो पीढ़ियों तक चलती है। अगर किसी करीबी रिश्तेदार को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो, तो उस परिवार की किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। 

4. परिवार में कोई अन्य कैंसर

परिवार में केवल स्तन कैंसर ही नहीं, बल्कि यदि किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कैंसर है, तो परिवार के सदस्यों को सावधान रहना होगा, क्योंकि यह पूरे शरीर की कोशिकाओं का खेल है और परिवार के सदस्यों की कोशिकाएँ और खून एक जैसे भी हो सकते है।

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स्तन कैंसर के लक्षण

• बाहों के नीचे या स्तन में गांठ।

• ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन जैसे ऊंचाई, वक्रता।

• स्तन या निप्पल का लाल रंग।

• ब्रेस्ट से खून बहना।

• ब्रेस्ट की त्वचा में मजबूती।

• स्तन या निप्पल में डिंपल, जलन, लकीरें सिकुड़ना।

• ब्रेस्ट के किसी भाग को अन्य भागों से अलग करना।

• स्तन के नीचे जकड़न या कठोरता का अहसास होना।

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स्तन कैंसर का स्टेज (Stage) क्या है?

स्तन कैंसर शून्य से शुरू होकर अगले चरण यानी श्रेणियों में जाता है और प्रत्येक चरण के साथ गंभीरता भी बढ़ती जाती है:

ग्रेड जीरो (Grade Zero or Stage 0 )

दूध पैदा करने वाली कोशिकाओं में बनने वाला कैंसर सीमित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलता है।

पहली श्रेणी (First Stage)

कैंसर कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और यह शरीर की बाकी स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। यह स्तन में मौजूद वसा कोशिकाओं में भी फैल सकता है।

दूसरी श्रेणी (Second Stage)

इस स्टेज में आने के बाद कैंसर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है और पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेता है.

तीसरी श्रेणी (Third Stage)

इस श्रेणी में पहुंचकर कैंसर मानव हड्डियों तक पहुंचकर उन्हें प्रभावित करने लगता है। इसके साथ ही इसका एक छोटा सा हिस्सा कॉलर बोन में फैल गया होता है, जिससे इसका इलाज दुर्गम हो जाता है।

चौथी श्रेणी (Fourth Stage)

इस श्रेणी में आने से कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है क्योंकि चौथी श्रेणी में आने से कैंसर लीवर, फेफड़े, हड्डियों और मस्तिष्क तक भी पहुंच गया होता है।

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। 

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