किस दिशा में सोना चाहिए? सही दिशा में सोएं, रहेंगे स्वस्थ

किस दिशा में सोना चाहिए (Kis Disha Mein Sona Chahiye): ज्योतिष शास्त्र में भी दिशाओं का विशेष महत्व है क्योंकि ये दिशाएं हमारी जीवनशैली को भी प्रभावित करती है। चाहे वह खाने संबंधी बातें हो या सोने संबंधी, हर काम के लिए दिशा निश्चित है। मसलन पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें, दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके खाना नहीं खाएं, वगैरह-वगैरह

किस दिशा में सोना चाहिए (Kis Disha Mein Sona Chahiye)

किस दिशा में सोना चाहिए
Kis Disha Mein Sona Chahiye

दिन का लगभग एक-तिहाई समय शयनकक्ष में व्यतीत होता है, अतः अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए यह जरूरी है कि शयन, वास्तु के अनुसार ही हो। यदि सोते समय वास्तु का ध्यान नहीं रखा तो अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, बुरे सपने, धनहानि आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

प्राचीन ग्रंथों में शयन-संबंधी विधियों का वर्णन अनेक स्थानों पर मिलता है, जिनके अनुसार उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। क्योंकि पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिंताएं और उत्तर की ओर सिर करके सोने से अनेक प्रकार के कष्ट होते हैं।

वैज्ञानिक और शास्त्रीय दृष्टिकोण

विज्ञान ने पृथ्वी को एक बड़ा चुंबक माना है, जिसके दो ध्रुव हैं, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव। इसी प्रकार मनुष्य के शरीर में भी चुंबकीय शक्ति का भंडार है। सिर में उत्तरी ध्रुव एवं पैरों में दक्षिणी ध्रुव माना गया है। इसलिए उत्तर में सिर करके सोने से समान चुंबकीय ध्रुव, विकर्षण उत्पन्न होता है, जिससे अनिद्रा और सिरदर्द के साथ रक्तचाप में अनियमितता बढ़ जाती है।

इसके विपरीत यदि हम दक्षिण की ओर सिर करके सोएंगें तो चुंबकीय सिद्धांत के अनुसार भोजन परिपाक ठीक होगा। नींद बढ़िया आएगी। निद्रा के बाद आप अपने को स्वस्थ महसूस करेंगे। क्योंकि ध्रुव आकर्षण सिद्धांत के अनुसार दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर चल रहा प्रवाह हमारे मस्तिष्क से प्रविष्ट होकर पांवों के रास्ते से निकलेगा, जिससे व्यक्ति की आयु बढ़ती है।

धर्मशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी मृत्यु के देवता यम है, अतः मृत्यु के देवता यम की ओर पैर करके सोने से मनुष्य की आयु घटती है। जो कि पूर्णतः विज्ञान पर आधारित है। पश्चिम की ओर सिर करके सोना भी उचित नहीं माना जाता। क्योंकि यह शास्त्र सम्मत नहीं होता है और पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति के विरुद्ध भी है।

ज्योतिष के अनुसार भी यह सही नहीं है। ज्योतिष में पूर्व दिशा का स्वामी सूर्य है, जो कि सिर का कारक है। जबकि पश्चिम दिशा का स्वामी शनि है, जो कि पैरों का कारक है। सूर्य और शनि पिता-पुत्र होकर भी एक दूसरे के विपरीत और शत्रु हैं। इसलिए शनि की पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से चिंता, हानि, कष्ट, रोग आदि प्राप्त होते हैं तथा मस्तिष्क संबंधित विकार उत्पन्न होते हैं।

सोने के लिए सही दिशा

इसलिए वास्तुशास्त्र के अनुसार, गहरी नींद, अच्छे स्वास्थ्य एवं एकाग्रता के लिए सदैव दक्षिण या पूर्व की तरफ सिर करके ही सोना चाहिए। इससे सेहत तो ठीक रहता ही है, साथ में व्यक्ति खुद को ऊर्जावान भी महसूस करता है।

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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