अशोक के पेड़ का महत्व, सुख-समृद्धि में फलदायी है अशोक वृक्ष

अशोक के पेड़ का महत्व (Ashok Ke Ped Ka Mahatva): यूं तो वृक्षों का हमारे जीवन से गहरा नाता है लेकिन कुछ पेड़-पौधे और जड़ी बूटियां ऐसी भी है जिनका इस्तेमाल तांत्रिक विद्याओं में किया जाता है। उन्हीं में से एक है अशोक का पेड़। जिसका तंत्र विद्या से गहरा नाता है।

अशोक के पेड़ का महत्व (Ashok Ke Ped Ka Mahatva)

अशोक के पेड़ का महत्व
Ashok Ke Ped Ka Mahatva

पार्कों में, स्कूलों में और बंगलों में तथा घर की क्यारियों में शोभा बढ़ाने हेतु अशोक वृक्ष लगाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसे घर में समाने या इसके जड़ को धारण करने से व्यक्ति को शोक नही होता तथा घर में सुख-समृद्धि आती है। इसे स्त्री निरीक्षणदोहक भी कहते हैं, क्योकि इसको खाने से स्त्री के रोग समाप्त होते है और सौंदर्य में वृद्धि होती है।

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और क्या-क्या है प्रयोग, आइए जाने –

1. सफलता पाने के लिए

अशोक वृक्ष का एक पत्ता तोड़ करके सिर में धारण कर लें। जिस काम को करने जा रहे हो, वहां निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।

2. धन संबंधी उपाय

अशोक वृक्ष की जड़ को विधिवत ग्रहण करके धारण करने से कभी भी धन की कभी महसूस नहीं होती। आप चाहें तो इसकी जड़ को धन स्थान में भी रख सकते हैं। इससे घर में बरकत होती है।

3. दारिद्रय नाशक

दरिद्रता को दूर करने में भी अशोक वृक्ष काफी कारगर है। इसके लिए अशोक वृक्ष के फूल को प्रतिदिन सिल पर पीस कर शहद के साथ मिला कर खाएं। कुछ दिन निरंतर खाते रहने से दरिद्रता का अंत हो जाता है। हां, इस दौरान धन देवी की पूजा भी करते रहे। शीघ्र ही इच्छा पूरी होगी। 

4. रोग नाशक

यदि अशोक वृक्ष की छाल को उबाल करके पिया जाए तो स्त्री के सारे रोग नष्ट हो जाते हैं। इसके निरंतर प्रयोग करने से स्वास्थ्य सुधर जाता है और सौंदर्य में वृद्धि होती है। 

5. चिंता नाशक 

चिंता चिता की खान होती है। लेकिन इस पर किसी का जोर भी नहीं होता। अगर प्रयास करने पर भी चिंता न हटे तो आप अशोक के तीन पत्ते लेकर प्रातः काल बासी मुख चबाएं। ऐसा कुछ दिन करने से चिंता समाप्त होकर शरीर स्वस्थ हो जाता है।

6. समस्त लाभ 

समस्त लाभ के लिए यदि अशोक बीज को तांबे में भरकर ताबीज के रूप में धारण किया जाए तो लाभ मिलता है। 

7. देवी को प्रसन्न करें

अशोक वृक्ष को काकुल वृक्ष माना जाता है। अतः देवी के उपासक इस वृक्ष को जल द्वारा सींचते रहें। प्रतिदिन जल अर्पण करें। जल चढ़ाते समय अपने इष्ट मंत्र जपते रहें। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं। इस तरह देवी के उपासक को नियमित रूप से अशोक वृक्ष में जल देना चाहिए। यह समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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