कौन सा पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए? कोशिश करें कि घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ न हो
कौन सा पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए (Kaun Sa Paudha Kis Disha Mein Lagana Chahiye): बने-बनाए घर या प्लॉट पर अगर प्राकृतिक रूप से कोई पेड़ उग जाए तो उसका भी प्रभाव होता है। वास्तु के मुताबिक, इनमें से कुछ पेड़ शुभ फल देने वाले होते हैं तो कुछ अशुभ – तो आइये जाने कौन सा पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए?
कौन सा पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए (Kaun Sa Paudha Kis Disha Mein Lagana Chahiye)
घर के आसपास अगर प्राकृतिक रूप से कोई पेड़ उग जाएं या ऐसे पेड़ों की छाया घर पर पड़े, तो उनका प्रभाव क्या हो सकता है, इसकी चर्चा वास्तुशास्त्र में हैं। जैसे-घर के आगे और पीछे कांटे वाले पेड़ या दूध वाले कैक्टस के पेड़ हों तो शत्रु का भय और धन का नाश होता है और यदि घर पर किसी फलहीन पेड़ की छाया दोपहर बाद पड़े, तो रोग और अचानक आए कष्टों का सामना करना पड़ता है।
अगर इनकी दिशा अलग-अलग है तो इसका भी प्रभाव होता है। आइए, जानें, अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग पेड़ों के प्रभावों को।
पूर्व दिशा के पेड़
अगर घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो या खुद ही विकसित हुआ हो, तो ऐसे घर में हमेशा भय रहता है। यही नहीं ऐसे घरों में धन की हानि भी होती है। घर के पूर्व में अगर बरगद का पेड़ हो तो यह मनोकामना पूरी करने वाला होता है।
वास्तु अनुसार यदि अग्नि कोण में अनार का पेड़ हो तो यह शुभ फल देता है, लेकिन इस दिशा में वट, पीपल, पाकड़ और गूलर का पेड़ पीड़ादायक होता है। आपके घर पर इस तरह कोई दोष न हो इसके लिए ऐसे वृक्षों को घर के पूर्वी दिशा में बिल्कुल भी न लगाएं।
दक्षिण दिशा में पेड़ हो तो
वास्तु की मानें तो दक्षिण में गूलर का पेड़ शुभ फलदायक होता है। घर के पिछवाड़े या दक्षिण की ओर फलदार वृक्ष शुभ होते हैं। दक्षिण दिशा में पाकड़ और कांटेदार पेड़ होने से घर में रोग और मुकदमे में हार होती है।
पश्चिम दिशा के पेड़
यदि घर के पश्चिम दिशा में आम और वट वृक्ष पहले से मौजूद हों तो ऐसे घर में सरकारी मुकदमे, घर की औरतों को तकलीफ, बच्चों को तकलीफ, खर्च की अधिकता और चोरों द्वारा घन नाश होता है। घर की महिलाएं भी अक्सर बीमार रहती हैं।
उत्तर दिशा का प्रभाव
अगर घर के उत्तर में गूलर और नींबू का पेड़ हो तो ऐसे घर में रहने वाले लोग आंखों की बीमारियों से परेशान रहते हैं। पूर्व और उत्तर दिशा में फलदार पेड़ लगाने से संतान पीड़ा या बुद्धि का नाश होता है।
इन्हें भी जानें –
- तुलसी का पौधा हमेशा घर के पूर्व या उत्तर की ओर ही लगाना चाहिए। क्योंकि दक्षिण में तुलसी कठोर यातना और कारागार का भय देती है।
- श्मशान के आसपास लगे पेड़, मुख्य रोड के आसपास लगे पेड़, देव मंदिर में लगे वृक्ष, दीमक या बिजली गिरने से कटे हुए पेड़, आंधी से उखड़े हुए वृक्ष और साधु-संतों के आश्रम में लगे हुए पेड़ काटकर कभी भी घर का फर्नीचर, दरवाजे और खिड़कियां आदि नहीं बनाने चाहिए। इससे वास्तुदोष होता है। घर की सुख-शांति भंग हो जाती है।
- घर के बागीचे में पलाश का वृक्ष हो तो घर का प्रत्येक सदस्य निरोगी, स्वस्थ व प्रसन्नचित रहता है। शास्त्र के मुताबिक एक पीपल, एक बरगद, दस इमली, कैथ, बेल, आंवला व आम के तीन-तीन पेड़ लगाने वाला व्यक्ति अपने तीन जन्म सफल कर लेता है।
- पेड़-पौधों से वास्तु दोषों का भी निवारण होता है। वास्तुशास्त्र में अशोक के वृक्ष को सौभाग्य का सूचक माना गया है तथा इसे लगाने से आवास तथा उसमें निवास करने वालों के सभी शोक संताप दूर हो जाते हैं।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।