कपूर कैसे बनता है? जानें देसी कपूर की पहचान व देसी कपूर के फायदे

कपूर कैसे बनता है (Kapoor kaise banta hai): घर के वातावरण में शुद्धता और सकारात्मकता लाने के लिए कपूर जलाना फायदेमंद होता है। वैसे तो कपूर का प्रयोग ज्यादातर ईश्वर आराधना के बाद उनकी आरती में ही किया जाता है। पर कुछ आयुर्वेदिक दवाओं और कुछ दक्षिण भारतीय व्यंजनों में भी देसी कपूर (खाने योग्य कपूर) का इस्तेमाल किया जाता है।

कपूर कैसे बनता है (Kapoor Kaise Banta Hai)?

कपूर कैसे बनता है
Kapoor Kaise Banta Hai ?

इसके अलावा कपूर का उपयोग तेल, सुगंध बनाने और कीड़ों को दूर रखने में भी किया जाता है। देसी कपूर का इस्तेमाल सिर दर्द, बदन दर्द के बाम, सर्दी की दवा और कफ सिरप तथा कुछ खुजली वाली क्रीम जैसे त्वचा की समस्या और बवासीर की दवा आदि में किया जाता है।

कपूर कैसे बनता है और कपूर कितने प्रकार का होता है ?

कपूर 2 प्रकार के होते हैं –

  1. प्राकृतिक कपूर (देसी कपूर या भीमसेनी कपूर) 
  2. कृत्रिम कपूर (रासायनिक कपूर)

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1. प्राकृतिक कपूर कैसे बनता है / भीमसेनी कपूर कैसे बनता है?

कपूर का पेड़
कपूर का पेड़

Camphor सफेद रंग के क्रिस्टल के रूप में कपूर के पेड़ की पत्तियों, छाल और लकड़ी से आसवन विधि (Distillation) द्वारा प्राप्त किया जाता है। जो एक प्राकृतिक उत्पाद है। इसलिए इसे प्राकृतिक कपूर कहा जाता है, इसके अलावा इसे देसी कपूर, भीमसेनी कपूर और जापानी कपूर के नाम से भी जाना जाता है। 

कपूर का पेड़ मुख्य रूप से चीन में पाया जाता था, जहां से यह जापान, कोरिया, ताइवान, वियतनाम और दुनिया के अन्य देशों में पहुंचा। इस पेड़ पर चमकदार, चिकने पत्ते पाए जाते हैं, जिन्हें मैश करने पर कपूर की सुगंध आती है। कपूर के पेड़ का बायोलॉजिकल नाम Cinnamomum camphora है।

कपूर की पत्तियाँ 
कपूर की पत्तियाँ 

भारत में कपूर का उत्पादन देहरादून, मैसूर, सहारनपुर, नीलगिरी में होता है। बसंत के मौसम में इस पेड़ पर छोटे-छोटे सफेद फूल गुच्छों में दिखाई देते हैं। भारत में कपूर सामान्यतः केवल पत्तियों के आसवन (Distillation) द्वारा ही प्राप्त किया जाता है।

देसी कपूर (प्राकृतिक कपूर) की पहचान

  • देसी कपूर पानी में डालने पर डूब जाता है। जबकि नकली कपूर या मिलावटी कपूर पानी पर तैरता रहता है।
  • नकली कपूर जलाने पर हवा में काला धुंआ छोड़ता है और जलने के बाद पूजा के पात्र को काला कर देता है। जबकि देसी कपूर जलने पर बिना काले धुएं के जलता है और जलने के बाद नगण्य निशान छोड़ता है। 
  • असली कपूर नकली कपूर से महंगा होता है। ज्यादातर सस्ता कपूर नकली होता है।

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2. कृत्रिम कपूर कैसे बनता है?

यह कपूर रासायनिक रूप से बनाया जाता है। इस कपूर का सूत्र C10H16O होता है। नकली कपूर पानी में अघुलनशील और शराब में घुलनशील है। यह कपूर तारपीन के तेल को कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजारने के बाद प्राप्त किया जाता है।

कई कारखानों में रासायनिक कपूर का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग पॉलीविनाइल क्लोराइड, सेल्युलोज नाइट्रेट, पेंट, धुआं रहित बारूद और कुछ प्रकार के प्लास्टिक, कफ सिरप आदि के उत्पादन में किया जाता है।

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देसी कपूर के फायदे / भीमसेनी कपूर के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार देसी कपूर पर्यावरण को शुद्ध करता है और हवा में कीटाणुओं को खत्म करता है। कपूर में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुण होते हैं।

1. मुंहासों, दाग-धब्बों को दूर करें

इसके लिए थोड़े से नारियल के तेल में कपूर मिलाकर मुंहासों पर लगाएं। पिंपल्स का आकार कम होने लगेगा और नए पिंपल्स नहीं आएंगे। यह उपाय चेहरे के दाग-धब्बों और रूखेपन को कम करने में भी कारगर है।

2. बालों के लिए नारियल तेल में कपूर के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार प्राकृतिक कपूर और नारियल का तेल बालों के लिए अच्छा माना जाता है। नारियल के तेल में देसी कपूर मिलाकर लगाने से बाल घने और मजबूत होते है तथा डैंड्रफ (रूसी) का नाश होता है।

3. गठिया और जोड़ों का दर्द

कपूर में तेल मिलाकर मालिश करने से गठिया और मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है। इसके लिए सरसों के तेल में कपूर मिलाकर घुटनों और जोड़ों पर मालिश करें। दर्द से राहत तो मिलेगी ही और साथ ही घुटने भी जाम भी नहीं होंगे।

4. बवासीर में केला और कपूर के फायदे

कपूर को चने के बराबर केले के बीच में रखकर खाने से बवासीर में लाभ होता है। नारियल के तेल में देसी कपूर मिलाकर गुदाद्वार पर लगाने से दर्द, जलन, ठंडक और सूजन में आराम मिलता है।

5. सर्दी और फ्लू

तेल में कपूर को मिलाकर छाती की मालिश करने से बंद नाक, कफ और फेफड़ों की जकड़न से राहत मिलती है। लगभग सभी बाम जैसे विक्स, झंडू, अमृतांजन आदि में निश्चित रूप से कपूर होता है। बंद नाक को खोलने और बलगम को ढीला करने के लिए कपूर को गर्म पानी में डालकर भाँप लेने से फायदा होता है।

6. खांसी

देसी कपूर खांसी और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मददगार है। 

7. दांत दर्द

जिस दांत में दर्द हो उस पर देसी कपूर का एक छोटा टुकड़ा लगाकर 5 मिनट तक दबाएं। दर्द से तुरंत राहत मिलेगी। मुंह की दुर्गंध को दूर करने में भी कपूर फायदेमंद होता है।

8. पेट दर्द

भीमसेनी कपूर का चावल जितना टुकड़ा और थोड़ी सी अजवायन के साथ लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

9. बच्चों के पेट में कीड़े

5 साल से बड़े बच्चों के पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए गुड़ में थोड़ा सा देसी कपूर मिलाकर खिला दें। इससे कीड़े खत्म हो जाएंगे और कीड़ों से होने वाला पेट दर्द भी ठीक हो जाएगा।

10. कपूर के तेल के फायदे

अरोमाथेरेपी में कपूर के तेल के इस्तेमाल से निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से राहत मिलती है। यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और चयापचय को तेज करता है। कपूर के तेल की सुगंध घबराहट, बेचैनी को दूर कर मन को शांत करती है।

कपूर मिश्रित तेल की मालिश से मोच, ऐंठन और मांसपेशियों में अकड़न के दर्द से राहत मिलती है। कीड़े के काटने पर कपूर का तेल लगाने से लाभ होता है। त्वचा में खुजली, लालिमा, रैशेज होने पर कपूर के तेल को किसी कैरियर ऑयल में मिलाकर लगाएं।

नोट : बताए गए सभी उपायों में देसी कपूर या प्राकृतिक कपूर का प्रयोग करना चाहिए। नकली कपूर से कोई फायदा तो नहीं होगा, बल्कि उल्टा नुकसान भी पहुंच सकता है।

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कपूर के नुकसान

  • कपूर के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा की समस्याएं जैसे एक्जिमा, रैशेज, होठों का रूखापन हो सकता है। इसके अलावा नर्वस सिस्टम, डाइजेस्टिव सिस्टम, किडनी, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • छोटे बच्चों को कपूर से दूर रखें, यह उनके लिए घातक हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी कपूर के सेवन से दूर रहना चाहिए।
  • कपूर का अधिक मात्रा में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए इसका सेवन किसी अनुभवी चिकित्सक आयुर्वेदाचार्य के निर्देशन में ही करें।

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।