हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है, हेलीकॉप्टर माता-पिता क्या है ?

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है (Helicopter Parenting Kya Hai)?  जब व्यक्ति अपने बच्चों के प्रति जरूरत से ज्यादा परवाह करने लगते है और बच्चे की जिंदगी में जरूरत से ज्यादा इंटरफेरेंस करने लगते है तो उसी को हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग कहते है। आईये विस्तार से जाने की हेलीकाप्टर पेरेंटिंग कितने हद्द तक अच्छी है और कितने के बाद खराब और इससे कैसे बचें ?

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है (Helicopter Parenting Kya Hai)?

हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है, हेलीकॉप्टर माता-पिता क्या है ? helicopter parenting kya hai ?

जब बच्चा बड़ा होकर के कुछ सीखने लगता है तब हर पेरेंट्स कुछ ना कुछ ऐसे तरीके अपनाने शुरू कर देते हैं, जिससे वह अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी बात कम शब्दों में समझा सकें परंतु तरीका कैसा है गलत है या सही है यह पता नहीं होता है।

हेलीकॉप्टर पालन-पोषण के संकेत

कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों को दुखी नहीं देखना चाहते वह हर तरह से प्रयास करते हैं कि उनका बच्चा खुश रहे और उसकी परवरिश में कोई कमी न रह जाए।

इसके लिए जब भी उन्हें मौका मिलता है अपने बच्चे की सपोर्ट के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ पेरेंट्स यह करते-करते कुछ अलग ही लेवल पर पहुंच जाते हैं और अपने बच्चे के सिर पर हेलीकॉप्टर की तरह मंडराने लगते हैं बस यहीं हेलीकॉप्टर पालन-पोषण के संकेत है। 

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क्या है हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग

कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे की जिंदगी में जरूरत से ज्यादा ही इंटरफेयर करते हैं इसी को हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग कहते हैं। इसके उलट वह पेरेंट्स जो अपने बच्चों के फैसले लेने के लिए खुद प्रेरित करते हैं वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं। वह इनसे लाख गुना बेहतर होते हैं।

हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग टर्म

इस टर्म को पहली बार एक बुक ‘पेरेंट्स एंड टीनएजर्स’ में इस्तेमाल किया गया था, जो सन 1969 में छपी थी। इसमें टीनएजर ने कहा था कि उनके माता-पिता उनके ऊपर एकदम हेलीकॉप्टर की तरह मंडराते रहते हैं। इसके बाद यह शब्द इतना फेमस हुआ की अब इसे डिक्शनरी में शामिल कर लिया गया है।

हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग  के कारण / हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के प्रभाव

  • जरूरत से ज्यादा अपने बच्चे के भविष्य की चिंता करना ऐसे माता पिता अपने बच्चे के हर काम में उनकी मदद करते हैं और उन्हें हर तरीके से संरक्षित करते हैं हमेशा ऐसा रास्ता ढूंढने की कोशिश करते हैं जिससे उनके बच्चे को ज्यादा मेहनत ना करना पड़े।
  • ऐसे बच्चे को एग्जाम में कम नंबर आने स्पोर्ट्स टीम से निकलने या मनचाहे कॉलेज में एडमिशन ना मिलने पर बच्चे को अपने भविष्य की चिंता होने लगती है।
  • जब बच्चा चिंतित हो जाता है हताश और परेशान हो जाता है तब यह सब देख कर मां बाप चिंतित और भावुक हो जाते हैं और फिर वह लोग सब कुछ अपने अंडर कंट्रोल में लेकर आगे बढ़ते हैं।
  • समाज के डर से भी हेलीकाप्टर पेरेंटिंग की शुरुआत हो जाती है, क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उनके पालन पोषण और शिक्षा पर लोग उंगली उठाए।
  • ऐसे में जब बच्चा किसी परीक्षा, कंपटीशन या किसी खेल में सफल होता है तब माता-पिता उसे अपनी सफलता महसूस करने लगे वह भी हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की शुरुआत के नजर से देखा जा सकता है।

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हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के फायदे

इसमें बच्चे और माता पिता के बीच अच्छी बॉन्डिंग अधिक बढ़ती हैं और बच्चा ज्यादा प्यार और खुशी महसूस करता है, ऐसे बच्चों के जिंदगी में आगे बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं। बावजूद इसके कई अध्ययनों से पता चला है कि पेरेंट्स की ज्यादा भागीदारी से बच्चों को अपनी असफलताओं और कठिन चुनौतियों से भविष्य में लड़ना कठिन हो जाता है।

हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के नुकसान / हेलीकॉप्टर पालन-पोषण के नुकसान

हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग से बच्चों के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी महसूस की जा सकती है जिससे बच्चे अपनी क्षमताओं पर कभी भरोसा नहीं कर पाते और यह जान ही नहीं पाते कि वह खुद से क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते, बच्चों को कभी-कभी यह लगने लगता है कि वह खुद से कोई निर्णय ही नहीं ले सकते और बिना माता पिता के अपनी जिंदगी ढंग से नहीं जी सकते।

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कैसे बंद करें हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग

  • सर्वप्रथम अपनी चिंताओं से अपने बच्चों को दूर रखें।
  • अपने बच्चों के आगे पीछे मंडराना बंद करें।
  • आप अपने बच्चों को बहुत ज्यादा टेंशन देना बंद करें।
  • कुछ डिसीजन बच्चों को खुद लेने दे।
  • उनकी प्रॉब्लम उन्हें खुद ही सुलझाने दें उसमें दखलंदाजी ना करें, अगर वह मदद मांगे तो आप उनकी मदद करें।

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