गौ माता की सेवा, करें गो-सेवा पाएं सुख शांति का मेवा
गौ माता की सेवा (Gau mata ki seva): विभिन्न दुखों और पापों से मुक्ति के लिए गो-सेवा से अच्छी कोई दूसरी युक्ति नहीं है। आप भी अपने कष्टों को दूर करने के लिए गाय की सेवा कर, गौ सेवा के चमत्कार का अनुभव कर सकते हैं-
गौ माता की सेवा (Gau mata ki seva)
हिंदू धर्म में गाय को गौ माता का दर्जा दिया गया है। यही नहीं धार्मिक कार्यों में भी गाय को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जिस प्रकार हम धरती को ‘मां’ कह कर संबोधित करते हैं, उसी प्रकार गाय को भी गौ-माता की संज्ञा प्राप्त है। प्राचीन ग्रंथों में गाय के संदर्भ में कई विवरण मिलते हैं। उसमें कहा गया है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास है। गाय की सेवा करने से स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।
इसी कारण लोग प्रायः गाय को अपने हाथों से रोटी, फल आदि खिलाते हैं। अनेक तंत्र ग्रंथों में गौ सेवा के चमत्कारी प्रयोगों का वर्णन मिलता है। अगर आप भी अपने जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं तो गौ-सेवा करें। अवश्य ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
यह भी पढ़े – एकादशी के उपाय, इस एकादशी से करें पुण्य अर्जित
गौ सेवा के चमत्कार
- प्रातः काल घर से बाहर जाते समय किसी स्थान पर गाय को रोटी खिलाएं। घर में सुख-समृद्धि सदैव बरकरार रहेगी।
- प्रतिदिन भोजन करने से पूर्व गौ -ग्रास निकालकर गाय को खिलाएं। इससे सुख-समृद्धि और मान सम्मान में वृद्धि होती है।
- शुक्रवार के दिन बिना चकले और बेलन की मदद से हाथ द्वारा रोटी बना-सेंककर गाय को खिलाएं। आर्थिक संकट से आपका परिवार बचा रहेगा। सफेद गाय के अतिरिक्त अन्य गाय को रोटी खिलाने से व्यवसाय आदि में लाभ होता है।
- सप्ताह में किसी एक दिन भोजन की प्रथम रोटी मां अन्नपूर्णा के नाम से निकालकर गाय को खिलाएं। यह सेवा लगातार 31 दिन तक करें। धन लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा।
- नए भवन में सर्वप्रथम गाय को प्रवेश कराने से सभी प्रकार के वास्तु दोष समाप्त होते हैं। यदि आप अपना मकान नहीं बना पा रहे हो तो रविवार के दिन नियम से गाय को गुड़ खिलाएं।
यह भी पढ़े – सूर्य साधना विधि, सूर्य किरणों से मिलती है जीवन घुट्टी
गौ माता की महिमा
- प्रत्येक शुक्रवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से पत्नी पति पर अकारण शक नहीं करती। शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर दो-तीन मुट्ठी चावल पका लें। चावल के ठंडा होने पर उसमें चीनी और घी मिलाकर रात की बनी रोटी पर रख दें। फिर घर से बाहर निकल कर उसे रास्ते में जाती गाय को खिला कर प्रणाम करके घर लौट आएं। यह प्रयोग कम से कम पांच शुक्रवार करें। दांपत्य जीवन सदा सुखी रहेगा।
- बुधवार के दिन श्री गणेश जी का पूजन करके गाय को हरी घास खिलाने से बहू का कटु व्यवहार दूर होता है। लाल गया और उसके बछड़े की सेवा करने से स्त्री में कमी दूर होकर संतान – सुख अवश्य प्राप्त होता है।
- सात शनिवार के दिन भूरे रंग की गाय को गुड़ खिलाने से वायु विकार आदि उदर रोग नष्ट हो जाते हैं। रविवार के दिन गाय का पूजन करने से हिस्टीरिया रोग दूर होता है।
- रविवार के दिन गेहूं के आटे का पेड़ा बनाकर तथा एक लोटा पानी लेकर असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति के सिर के चारों ओर तीन बार घुमाएं। फिर वह पानी किसी वृक्ष की जड़ में डालकर गेंहू के आटे का पेड़ा गाय को खिला दें। ऐसा लगातार तीन दिन करने से रोगी बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
यह भी पढ़े – पूजा पाठ का नियम, जाने नित्य घर में पूजा पाठ कैसे करें ?
अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।