डेंगू बुखार क्या है? डेंगू बुखार के लक्षण तथा रोकथाम के उपाय
डेंगू बुखार क्या है (Dengue Bukhar), डेंगू बुखार कैसे फैलता है? डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है।
डेंगू बुखार क्या है (Dengue Bukhar),
डेंगू मच्छर की पहचान
डेंगू मच्छर, के शरीर पर सफेद और काली पट्टी होती है इसलिए इनको टाइगर मच्छर (चीता मच्छर) भी कहते हैं। यह मच्छर निडर होता है और ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। प्रायः यह घरों स्कूलों और अन्य भवनों में तथा इनके आस-पास एकत्रित खुले एवं साफ पानी में अण्डे देते हैं।
डेंगू होता कैसे है?
डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है।
डेंगू बुखार के प्रकार
डेंगू बुखार का रोगी तीन प्रकार की अवस्थाओं से ग्रसित हो सकता है।
साधारण डेंगू
इसके मरीज का 2 से 7 दिन तक तेज बुखार चढता है एवं इसके साथ निम्न में से दो या अधिक लक्षण भी साथ में होते हैं।
- अचानक तेज बुखार।
- सिर में आगे की और तेज दर्द।
- आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी।
- मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द।
- स्वाद का पता न चलना व भूख न लगना।
- छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें
- चक्कर आना।
- जी घबराना उल्टी आना।
- शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
- बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्के होते हैं।
डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ) – Dengue Hemorrhagic Fever (DHF)
रक्तस्राव वाला डेंगू, खून बहने वाले डेंगू बुखार के लक्षण और आघात रक्तस्राव वाला डेंगू में पाये जाने वाले लक्षणों के अतिरिक्त निम्न लक्षण पाये जाते हैं।
- शरीर की चमडी पीली तथा ठन्डी पड जाना।
- नाक, मुंह और मसूडों से खून बहना।
- प्लेटलेट कोशिकाओं की संख्या 1,00,000 या इससें कम हो जाना।
- फेंफडों एवं पेट में पानी इकट्ठा हो जाना।
- चमडी में घाव पड जाना।
- बैचेनी रहना व लगातार कराहना।
- प्यास ज्यादा लगना (गला सूख जाना)।
- खून वाली या बिना खून वाली उल्टी आना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) – Dengue Shock Syndrome (DSS)
इस बुखार में DHF के लक्षणों के साथ-साथ ‘शॉक’ की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे कि –
- मरीज को बेचैनी होना।
- तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा का ठंडा होना।
- पेट में तेज व लगातार दर्द।
- मरीज का धीरे-धीरे बेहोश होना।
- मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है।
- उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना।
इन तीनों में से डेंगू हॅमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होते है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान को खतरा नहीं होता लेकिन अगर किसी को DHF या DSS है और उसका फौरन इलाज शुरु किया जाना चाहिए।
कब दिखती है बीमारी
काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।
ये टेस्ट जरूर करवाएं
अगर तेज बुखार हो, जॉइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस 1) किया जाता है। जिसमें डेंगू किस प्रकार का है यह पता चल जाता है। इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पॉजिविटी कम होने लगती है। ये टेस्ट खाली या भरे पेट, कैसे भी कराए जा सकते हैं।
मरीज के खून की सीरोलोजिकल एवं वायलोजिकल परीक्षण केवल रोग को सुनिश्चित करती है तथा इनका होना या ना होना मरीज के उपचार में कोई प्रभाव नहीं डालता क्योंकि डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है, इसके लिये कोई खास दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
उपचार
प्रारम्भिक बुखार की स्थिति मे –
- मरीज को आराम की सलाह दें।
- पैरासिटामोल की गोली (24 घन्टे में चार बार से अधिक नहीं) उम्र के अनुसार तेज बुखार होने पर देवें।
- एस्प्रीन और आईबुप्रोफेन नहीं दी जाएँ।
- एन्टीबायटिक्स नहीं दी जायें क्योंकि वे इस बीमारी में व्यर्थ है।
- मरीज को ओ.आर.एस. दिया जाएँ ।
- भूख के अनुसार पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया जाएँ।
साधारणतया डेंगू बुखार के मरीज को ठीक होने के 2 दिवस उपरान्त तक जटिलताऐं देखी गई है प्रप्येक डेंगू बुखार के रोगी के बुखार ठीक होने के दो दिन के बाद तक निगरानी रखी जाएँ।
डेंगू बुखार से ठीक होने पर मरीज एवं उसके परिजनों का निम्न लक्षणों के उभरने पर विशेष ध्यान देने हेतु सलाह दी जाएँ –
- पेट में तेज दर्द।
- काले रंग का मल आना।
- मसूडो/त्वचा/नाक से खून रिसना।
- चमडी का ठन्डा पड जाना एवं ज्यादा पसीना आना।
- ऐसी स्थिति में मरीज को तुरन्त अस्पताल में भर्ती होने की राय दी जाये।
डेंगू हेमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम के मरीजों को उपचार हेतु हिदायते
- उक्त मरीज को प्रत्येक घन्टे में सम्भाला जाएँ।
- खून में प्लेटलेट की कमी होना (100000 अथवा कम) एवं खून में हिमोटोक्रिट का बढना इस अवस्था की और इंगित करता है।
- समय रहते आई.वी. थैरपी मरीज को शॉक से उबार सकती है।
- अगर 20 ml/Kh/hr एक घण्टें में आईवी के देने पर भी मरीज की दशा में सुधार नहीं होता है डैक्सट्रोन या प्लाजमा दिया जाना चाहिये।
- अगर इसमें गिरावट आती है (>20%) तो ताजा खून दिया जाना चाहिए शॉक में आक्सीजन दी जाएँ ऐसिडोसिस में सोडा बाईकार्ब दिया जाएँ ।
कृपया ये ना करें
- बुखार में एस्प्रीन और आईबुप्रोफेन नहीं दी जाएँ।
- एन्टीबायटिक्स नहीं दी जायें क्योंकि वे इस बीमारी में व्यर्थ है।
- मरीज को खून न देवे जब तक की आवश्यकता न हो ( अत्यधिक रक्तस्राव हमोटोक्रिट का कम होना >20%)
- स्टेरॉयड न दिये जाएँ ।
- DSS/DHF मरीज के पेट में नली न डालें।
मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने के मापदण्ड
- बिना दवा दिये 24 घण्टे तक बुखार न आना।
- भूख बढना।
- मरीज की आम दशा में सुधार।
- पेशाब का उचित मात्रा में आना।
- शॉक की अवस्था से उबरने के तीन दिन पश्चात।
- फेंफडे में पानी एवं पेट में पानी के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ का न होना।
- प्लेटलेट कोशिकाओं की संख्या 50000 से अधिक होना।
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
- छोटे डिब्बो व ऐसे स्थानो से पानी निकाले जहॉं पानी बराबर भरा रहता है।
- कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले।
- घर में कीट नाशक दवायें छिडके।
- बच्चों को ऐसे कपडे पहनाये जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- मच्छर भगाने वाली दवाईयों/ वस्तुओं का प्रयोग करें।
- टंकियों तथा बर्तनों को ढककर रखें।
- सरकार के स्तर पर किये जाने वाले कीटनाशक छिडकाव में सहयोग करें।
- आवश्यकता होने पर जले हूये तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में तथा इक्कट्ठे हुये पानी पर डाले।
- रोगी को उपचार हेतु तुरन्त निकट के अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाएँ।
स्रोत: स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार
यह भी पढ़े –
- तीज के व्रत की जानकारी, तीज व्रत क्यों रखा जाता है?
- साल 2021 के प्रमुख व्रत और त्योहार, भारत के सभी राज्यों के प्रमुख त्योहार
- केबीसी में रजिस्ट्रेशन कैसे करें ? कौन बनेगा करोड़पति 2021 कब शुरू होगा ?
- धन हानि रोकने के उपाय | घर की सुख-समृद्धि में सहायक
- शादी या लाइफ में सक्सेस, इन उपायों से होगी हर इच्छा पूरी