बिल्डिंग में फ्लैट का वास्तु, ऐसे करें चुनाव वास्तु सम्मत फ्लैट का
बिल्डिंग में फ्लैट का वास्तु (Building mein flat ka vastu): यदि आप कोई फ्लैट खरीदते हैं और उसमें प्रवेश करने के साथ ही आपके जीवन में कई तरह की परेशानी आने लगती हैं तो आपकी सारी खुशी काफूर हो जाती है। दरअसल, ऐसा वास्तुशास्त्र की अनदेखी के कारण भी हो सकता है। अगर फ्लैट खरीदते समय वास्तु पर भी ध्यान दें, तो आपका भी जीवन आनंद से भर जाएगा।
बिल्डिंग में फ्लैट का वास्तु (Building mein flat ka vastu)
![बिल्डिंग में फ्लैट का वास्तु](https://www.mandnam.com/wp-content/uploads/2022/05/बिल्डिंग-में-फ्लैट-का-वास्तु.jpg)
वास्तु टिप्स फॉर फ्लैट
- हर व्यक्ति के जीवन की पहली तमन्ना होती है, कि चाहे छोटा ही सही, पर उसका अपना एक घर हो। शहरों और महानगरों की बढ़ती आबादी के कारण भूमि की उपलब्धता कम होती जा रही है। ऐसे में अब बिल्डर ही मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट्स तैयार कर रहे हैं।
- जरूरी नहीं कि ऐसे अपार्टमेंट्स वास्तु के अनुरूप ही हों। इस स्थिति में जब आप फ्लैट लेते हैं तो उसमें कुछ वास्तु खामियां भी होती हैं। इससे आपके जीवन में अनेक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
- ऐसे में अगर आप फ्लैट खरीदते समय वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का पालन करें तो इस समस्या को काफी हद तक खुद ही हल कर सकते हैं।
- वह भूखंड जहां फ्लैट लेना हो, उस प्लॉट का आकार वर्गाकार, आयताकार हो। अनियमित आकार का बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। साथ ही उत्तर व पूर्व दिशा में ज्यादा खुली जगह होनी चाहिए।
- बड़े अस्पताल, शमशान, कब्रिस्तान, बूचड़खाना आदि के आसपास की मल्टीस्टोरी में फ्लैट ना खरीदें।
- चारों दिशाओं एवं चारो कोणों में ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण होता है। ईशान कोण का घटना, कटा होना या गोल होना अशुभ होता है, इस बात का ध्यान अवश्य रखें।
- ऐसी मल्टीस्टोरी में फ्लैट खरीदें जिससे उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कूप, नलकूप या तरणताल हो।
- मल्टीस्टोरी की चारदीवारी उत्तर की तुलना में दक्षिण और पूर्व की तुलना में पश्चिम की ओर अधिक ऊंची होनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट
- सेप्टिक टैंक केवल मध्य उत्तर-मध्य पूर्व में बनाना चाहिए। ओवरहेड वॉटर टैंक वायव्य कोण, पश्चिम या नैऋर्त्य कोण में बनाया जा सकता है।
- बिजली पैदा करने वाले जनरेटर का कमरा दक्षिण पूर्व (आग्नेय) क्षेत्र में होना चाहिए।
- मल्टी का मुख्य द्वार व फ्लैट का दरवाजा पूर्व ईशान, दक्षिण आग्नेय, पश्चिम वायव्य और उत्तर ईशान में कहीं भी होना चाहिए
- मल्टी का मुख्य एवं फ्लैट का दरवाजा दोनों ही अवरोध रहित होना चाहिए, क्योंकि द्वार वेध होना शुभ नहीं होता।
- ऊपर जाने की सीढ़ियां ईशान कोण में नहीं होनी चाहिए। सीढ़ियों का दक्षिण पश्चिम में होना ही शुभ होता है।
- मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में वास्तुदोषों का प्रभाव ग्राउंड फ्लोर पर रहने वालों पर पूर्णतः पड़ता है दूसरे या तीसरे फ्लोर पर रहने वालों पर थोड़ा कम होता है।
- रसोईघर फ्लैट के आग्नेय कोण में होना शुभ होता है। रसोई घर में पानी की व्यवस्था उत्तर या ईशान में होनी चाहिए।
- फ्लैट के ईशान कोण में बच्चों के पढ़ने का कमरा या ड्राइंग रूम बनवाएं। डाइनिंग रूम पश्चिम में बनाना चाहिए। मास्टर बेडरूम नेत्रिर्त्य में होना चाहिए।
- Flat में वह आलमारी जिसमे आप नगद और आभूषणों रखते है, निवास स्थान के उत्तर में दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार से लगाकर रखने से हमेशा बरकत होती है।
- फ्लैट के प्रवेश द्वार पर मांगलिक प्रतीकों का प्रदर्शन करें जैसे- स्वास्तिक, ॐ, शुभ-लाभ इत्यादि।
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