बर्थडे पर क्या गिफ्ट देना चाहिए? हर वर्ष मनाएं जन्मदिन धूमधाम से और बच्चों के लिए गिफ्ट में दें ये चीज़ें
बर्थडे पर क्या गिफ्ट देना चाहिए (Birthday Par Kya Gift Dena Chahiye): जब किसी बच्चें के जन्मदिन दिन में जाने की बात आती है, तो समझ में ही नहीं आता कि बच्चों को जन्मदिन के तोहफे में क्या दें ? बच्चों के लिए गिफ्ट चुनना किसी जंग से कम नहीं होता है। तो आईये जानते है कि बच्चों को उनके बर्थडे पर क्या गिफ्ट देना चाहिए ?
बर्थडे पर क्या गिफ्ट देना चाहिए (Birthday Par Kya Gift Dena Chahiye)
![बर्थडे पर क्या गिफ्ट देना चाहिए](https://www.mandnam.com/wp-content/uploads/2022/06/quartz.jpg)
फेंगशुई के नियमानुसार बच्चों को जन्मदिन के तोहफे में प्रति वर्ष क्वार्ट्ज के बॉल उपहार स्वरूप देनी चाहिए, इससे पूरे परिवार में सुख शांति एवं प्रेममय वातावरण बनता है। इस दिन बच्चों को लाल रंग के वस्त्र, सोने के सिक्के, नीली लैंप एवं खिलौने देने चाहिए।
इससे देने वाले एवं लेने वाले दोनों ही परिवारों में प्रेम, सामंजस्य एवं सुख-शांति बनी रहती है। जन्मदिवस पर प्राय: अनेक मेहमान आते हैं, जो अपने साथ शुभ ‘ची’ ऊर्जा को शुभकामनाओं एवं उपहारों के रूप में लाते हैं, इसलिए प्रतिवर्ष अपने बच्चों का जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाना चाहिए।
प्रेमी-प्रेमिका एवं पति-पत्नी को भी अपना जन्मदिवस परस्पर रोज क्वार्ट्ज की बॉल अथवा क्रिस्टल के हृदय बनाकर उपहार में आदान-प्रदान करने चाहिए। इससे उनका प्रेम एवं दांपत्य जीवन मजबूत होता है, जिससे जीवन में सुकून मिलता है।
फेंगशुई क्या है?
फेंग शुई केवल एक शास्त्र ही नहीं, बल्कि सुख एवं शांति पाने का साधन भी है। इसमें दूसरी विद्याओं की तरह हर बाधा का समाधान होने कारण यह आज पूरी दुनिया में प्रचलित होती जा रही है। चीन के वास्तु शास्त्र को आम तौर पर फेंगशुई के नाम से जाना जाता है। भले ही यह दूसरे देश का वास्तु शास्त्र हो, पर आमतौर पर भारत के वास्तु शास्त्र में जिन पांच तत्वों को प्रमुखता दी गई है, उन्ही पांच तत्वों को चीनी वास्तु ने आधार माना है।
यह ऐसा विज्ञान है, जो मनुष्य के दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है और इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है। दरअसल इसका निर्माण ही प्राचीन विद्वानों ने अपने अनुसंधानों एवं अनुभवों से प्रकृति की अनेक रहस्यमयी ऊर्जाओं के संतुलन के ज्ञान के आधार पर किया था।
इसके लाभ एवं उपयोग के कारण आज यह विधि चीन से निकलकर कई पश्चिमी देशों में खूब प्रचलित हो रही है। इससे मानसिक चिंता, दुख सहित कई दुर्गुणों से सुरक्षा मिलती है। इसी तरह या विद्या परिवार में मधुर वातावरण भी बनाती है।
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