अंकों से जानें अपना भाग्य
अंकों से जानें अपना भाग्य (Ankon Se Jane Apna Bhagya): आपने कभी सोचा है कि भाग्य का अंक आपके नाम के अंक के साथ कितनी मित्रता या शत्रुता रखता है, क्योंकि इसी के आधार पर आपके जीवन में आने वाले सुख और दुख का निर्णय होता है। लेकिन नाम के अंक को अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बनाकर अपना जीवन आनंदमय बना सकते हैं –
अंकों से जानें अपना भाग्य (Ankon Se Jane Apna Bhagya)
यदि आप अपने भाग्य अंक के मित्र अंकों के साथ हैं तो जीवन सुखमय है और यदि शत्रु अंकों के साथ हैं, तो जीवन दुःखमय बना रहेगा। क्योंकि जीवन में अंकों का विशेष महत्व है। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो भाग्य के मित्र अंकों के आधार पर ही अपनी विद्या, व्यापार, रहने का देश, शहर, दिशा आदि का चयन करें।
क्या आपने कभी सोचा है कि भाग्य का अंक (जन्मदिन व दिनांक) आपके नाम के अंक के साथ कितनी मित्रता या शत्रुता रखता है? यदि आपके नाम का अंक आपके भाग्य के अंक के साथ मित्रता रखता है तो जीवन दुःखमय, संघर्षपूर्ण एवं समस्याओं से घिरा रहेगा। आपके नाम के अक्षरों का योग आपके जन्म की तारीख से मेल खाता हुआ होना चाहिए। इस प्रकार यदि आपकी दुकान, फैक्ट्री, बच्चों, पत्नी, मित्रों, बिजनेस पार्टनरों इत्यादि के नामों से मित्रता है तो जीवन आनंदमय होगा अन्यथा कोई न कोई परेशानी लगी रहेगी।
आपके जीवन में जितना महत्व नाम के अंकों का है, उतना ही महत्व दिनों के अंक, ग्रहों के अंक, रंगों के अंक, आपका घर का अंक, मकान की दिशा और उसके अंकों को भी है। इन्हें आप अंकों के ज्ञान से अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बनाकर जीवन आनंदमय बना सकते हैं।
अंकों में मित्रता व शत्रुता
अंकों की आपसी मित्रता और शत्रुता में ही आपका भविष्य छुपा हुआ है। उदाहरण के तौर पर अंक नौ और चार एक दूसरे के शत्रु हैं। यदि आपके भाग्य का अंक नौ है और आपके नाम के अक्षरों के योग का अंक चार है तो आपका नाम ही आपके लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगा और सारा जीवन संघर्षमय बना रहेगा। चूंकि अंक नौ मंगल का है और अंक चार राहु का है।
यह दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हैं। वहीं नौ का रंग लाल एवं चार का रंग भूरा है। इसलिए नौ अंक वाले व्यक्ति कभी भी भूरे रंग का प्रयोग न करें। इस रंग के पर्दे, कालीन और दीवारों का रंग भी उन पर बुरा असर करेगा। इसी प्रकार चार अंक वाले व्यक्तियों को लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लाल रंग की कार न चलाएं नहीं तो दुर्घटना का भय बना रहेगा।
दिशाओं के अंक
घर में सुख-समृद्धि तभी आती है, जब घर के सारे सदस्य स्वस्थ हों, घर में मानसिक शांति हो और कारोबार में उन्नति हो रही हो। चूंकि लक्ष्मी का घर में वास आपके भाग्य की दिशा के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए जिस घर में आप रहते हैं, उस घर के मुख्य द्वार की दिशा आपके भाग्य अंक की दिशा के अनुकूल होनी चाहिए। यदि आपके भाग्य का अंक और घर की दिशा के अंक में शत्रुता है तो धन का नाश, बीमारियां और परेशानियां आपको घेरे रहेंगी।
यदि आप दिशाओं के अंक अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बना लें तो आपका जीवन सुखमय हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि आपके भाग्य का अंक पांच है तो उत्तर-पूर्व दिशा में आपके भवन का द्वार शुभ होगा। यह आपको तरक्की दिलाएगा। यदि भवन का द्वार दक्षिण-पश्चिम में है तो जीवन संघर्षमय होगा। यदि भाग्य अंक एक है तो पूर्व दिशा की तरफ शुभ और पश्चिम दिशा की तरफ मुख्य द्वार अशुभ होगा।
आपका कारोबार
इसी तरह भाग्य के अंक और कारोबार के अंक में मिलान करके आप लाभ कमा सकते हैं। यदि आप के भाग्य का अंक आठ है तो जमीन, फार्म हाउस, लोहे से संबंधित कारोबार, ठेकेदारी और जमीन से निकलने वाले पदार्थों का व्यापार आपके लिए बेहतर होगा। इसमें आप अच्छी सफलता पा सकते हैं। यदि भाग्य का अंक नौ है तो पुलिस, वायुसेना, सेना, सुरक्षा एजेंसी, सर्जरी इत्यादि कार्यों में अधिक सफलता प्राप्त होगी।
चिकित्सा विज्ञान ने भी अब यह स्वीकार कर लिया है कि रंगों का शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, हरा रंग- हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, नीला रंग रक्तचाप बढ़ाता है, लाल रंग शरीर को चुस्त-दुरुस्त करता है तथा पीला रंग स्वभाव को चिड़चिड़ा बनाता है।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई वास्तु और अंक ज्योतिष जानकारी पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।