वास्तु और अंक ज्योतिष जानकारी, वास्तु… क्योंकि हर अंक कुछ खास है
वास्तु और अंक ज्योतिष जानकारी (Vastu Aur Ank Jyotish Jankari): वास्तु में अंकों का विशेष महत्व है क्योंकि हर अंक का आपके जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। आपके लिए कौन-सा नंबर लकी होगा, आइए जानें –
वास्तु और अंक ज्योतिष जानकारी (Vastu Aur Ank Jyotish Jankari)
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Ank Jyotish में अंकों द्वारा किसी भी व्यक्ति, घटना और देशों पर पड़ने वाले प्रभाव का विवेचन किया जाता है। यहीं नहीं अंक ज्योतिष का वास्तु में भी बहुत महत्व है। वास्तु प्राप्ति के लिए व्यक्ति का प्रथम प्रश्न होता है कि किस नंबर का मकान, वाहन या दुकान मेरे लिए शुभ रहेगा। क्योंकि किसी व्यक्ति विशेष की महत्वपूर्ण घटनाएं किसी विशेष अंक से संबंधित होती हैं।
अंक 1
अंक एक साकार ब्रह्म का प्रतीक है। अंक 1 को सूर्य से जोड़ा जाता है। सूर्य के इर्द गिर्द ही सभी ग्रह, नक्षत्र, पृथ्वी व तारे चक्कर लगाते हैं। भाग्यांक या मूलांक एक से प्रभावित व्यक्ति स्थिर विचारधारा वाले होते हैं। ये चतुर, बलवान, बुद्धिमान, राजसी ठाटबाट को पसन्द करने वाले स्पष्ट वक्ता होते है। इनके लिए ऐसे मकान या फ्लैट में निवास करना शुभ रहेगा जिसका मूलांक या नामांक एक हो । पूर्व दिशा इनके लिए हमेशा शुभ रहेगी। पूर्व दिशा के मकान, पूर्व दिशा की बैठक व पूर्वी स्थानों में व्यापार करना शुभ रहेगा।
शुभ अंक: 1, 10 और 19
अंक 2
अंक 2 का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। जिस प्रकार चंद्रमा 15 दिन घटता है और 15 दिन बढ़ता है, उसी प्रकार अंक 2 से प्रभावित व्यक्ति चंचल प्रकृति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति कल्पनाशील, कलाप्रिय एवं स्नेहशील स्वभाव के होते हैं। शारीरिक शक्ति बहुत अच्छी नहीं होती, लेकिन बुद्धिमान होते है। आत्मविश्वास की कमी के कारण इनको कभी-कभी निराशा का सामना करना पड़ता है।
शुभ अंक: अंक 2 वाले व्यक्ति के लिए मकान और महीने की 2, 11, 20 व 29 तारीखें महत्वपूर्ण रहेंगी।
अंक 3
3 अंक का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। देवताओं के गुरु बृहस्पति ज्ञान और विद्या को देने वाले हैं। अंक 3 त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतिनिधित्व करने वाला है।
अंक 3 से प्रभावित व्यक्ति अनुशासन के मामले में काफी कठोर होते हैं। ये महत्वाकांक्षी होते हैं और धार्मिक प्रवृति के, विद्या अध्ययन, अध्यापन तथा बौद्धिक स्तर के कार्य करके अच्छी उपलब्धियां एवं ख्याति प्राप्त करते हैं। स्वभाव से शांत, कोमल, मृदुभाषी और सत्य वक्ता होते है। किसी भी शहर की ईशान कोण दिशा में रहना हमेशा शुभ रहता है। इन्हें रोजगार भी ईशान कोण दिशा में ही करना चाहिए।
शुभ अंक: हर महीने की 3, 12, 21 व 30 तारीखे इनके लिए शुभ होता है।
अंक 4
इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जीवन में आश्चर्यजनक प्रगति करते हैं। संघर्षशील, जमाने से आगे की सोचने वाले और पुरानी प्रथाओं और रीतियों के विरोधी होते हैं। नाम व यश अधिक प्राप्त करते हैं, लेकिन इनकी ख्याति स्थिर नहीं रह पाती। नैर्ऋत्य दिशा, इन्हें अधिक पसंद आती है।
शुभ अंक: 4, 13, 22 तारीखें महत्वपूर्ण रहती हैं।
अंक 5
इस अंक का स्वामी ग्रह बुध है। अंक 5 से प्रभावित व्यक्ति चंचल स्वभाव के, वाकपटु, तर्कशील व नकलची होते हैं।
ये जैसे वातावरण में बैठे हों अपने आपको उसी के अनुरूप ढाल लेते हैं। ये व्यक्ति नौकरी की अपेक्षा व्यापार, वाणिज्य, लेखा, शिल्प व चिकित्सा के कार्य करना पसंद करते हैं। रोजगार के क्षेत्र में नित नई स्कीमें बनाकर अपनी तरक्की का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इनके लिए उत्तर दिशा शुभ होता है। उत्तर दिशा में बैठ कर कार्य करना और शहर से उत्तर दिशा में व्यापार करना इनके लिए शुभ रहता है।
शुभ अंकः मकान तथा महीने की 5, 14, 23 तारीखें महत्वपूर्ण रहती हैं।
अंक 6
शुक्र ग्रह इस अंक के स्वामी हैं, जो कि ऐश्वर्य और भोग विलास का प्रतीक है। इस अंक के व्यक्ति आर्कषक व्यक्तित्व वाले व मिलनसार होते हैं। संगीत, साहित्य, ललितकला, चित्रकला व काम कला का इन्हें विशेष ज्ञान होता है। सुंदर वस्त्र धारण करना एवं सुसज्जित मकान में रहना इनको अच्छा लगता है। इनके मित्रों की संख्या अधिक होती है। कला के क्षेत्र में अपना व्यवसाय चुनने से इन्हें सफलता मिलती है। शहर से अग्नि कोण दिशा में रहना व व्यापार करना इन्हें अच्छा लगता है।
शुभ अंकः माह की 6, 15, 24 तारीखें महत्वपूर्ण रहती हैं। अपना आवास व व्यवसाय भी अंक 6 वाले भूखंड पर बनाएं तो अच्छा रहता है।
अंक 7
अंक 7 का स्वामी ग्रह केतु व नेपच्यून है। इस अंक के व्यक्ति लेखन, साहित्य, काव्य रचना आदि कार्यों को करने वाले होते हैं। इनको विदेशों से, जहाज, मोटर इत्यादि वाहनों से विशेष लाभ प्राप्त होता है। भाग्योदय रुकावटों के साथ होता है। इनको ऐसा रोजगार पसंद आता है जिसमें इन्हें दूर दूर की यात्राएं करके दूर के व्यक्तियों से संबंध बनाने में सहायता मिले। इनके लिए नैर्ऋत्य कोण दिशा शुभ रहता है।
शुभ अंक: 7, 16, 25
अंक 8
अंक 8 का स्वामी ग्रह शनि है। वास्तु 8 की आठों दिशाओं, अष्ट धातु व अष्ट सिद्धियों को दर्शाने वाला अंक आठ ही हैं। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति शनि की तरह धीरे-धीरे उन्नति करने वाले होते हैं। आलस्य इनका सबसे बड़ा शत्रु है। इनकी कार्य शैली को हर कोई समझ नहीं पाता। यह अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिससे इनको नाम, यश व कीर्ति मिलती है। पश्चिम की दिशा इनके लिए शुभ होता है।
शुभ अंकः अंक 8 का मकान इनके लिए शुभ रहता है। माह की 8, 17, 26 तारीखें महत्वपूर्ण रहती हैं।
अंक 9
अंक 9 का स्वामी ग्रह मंगल है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति के अंदर सेनापति, नायक व मुखिया बनने की चाह रहती है। ये अनुशासन प्रिय व क्रोधी भी होते हैं। यांत्रिक कार्यों में भी इनकी रुचि रहती है। ज्ञान-विज्ञान व तकनीकी क्षेत्रों में भी इनका रुझान होता है। दक्षिण दिशा व 9 अंक वाले मकान इनके लिए शुभ रहते हैं।
शुभ अंक: 9, 18, 27
मूलांक और भाग्यांक
यदि किसी व्यक्ति की जन्म तारीख 12 – 7 – 1985 है तो उस व्यक्ति का मूलांक निकालने के लिए तारीख के अंकों को जोड़ेंगे जो कि 12 है। 1+2 का जोड़ 3 होता है, इसलिए व्यक्ति का मूलांक 3 होगा। यदि तारीख, माह और वर्ष को भी जोड़ लिया जाए तो भाग्यांक आएगा। जैसे, 1 2 + 7 + 1 + 9 + 8 + 5 = 33 3+ 3 = 6 । उपरोक्त व्यक्ति का भाग्यांक 6 आया। इस प्रकार इस व्यक्ति के जीवन में घटने वाली शुभाशुभ घटनाएं अंक 3 और 6 से अधिक प्रभावित होगी।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई वास्तु और अंक ज्योतिष जानकारी पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।