पितृ दोष निवारण के सरल उपाय, पितृ दोष हो तो ब्राह्मणों को भोजन कराएं

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय (Pitra Dosh Nivaran Ke Saral Upay): पितृ दोष के कारण व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों तथा असफलताओं का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों के मुताबिक यह दोष हमारे पूर्व जन्मों या इस जन्म में जाने-अनजाने में विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो जाते हैं। इन दोषों के निवारण हेतु प्राचीन ग्रंथों के अलावा तंत्र शास्त्रों में भी अनेक उपाय दिए गए हैं। प्रस्तुत हैं कुछ ऐसे ही पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय (Pitra Dosh Nivaran Ke Saral Upay)

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय
Pitra Dosh Nivaran Ke Saral Upay

पितृदोष हो या कोई अन्य दोष इससे छुटकारा पाने के लिए तंत्रशास्त्र के कुछ कारगर टोटके बताए गए हैं। इन्हें आजमा कर आप भी विभिन्न दोषों से मुक्ति पा सकते हैं। 

पितृ दोष निवारण के उपाय

  • महीने के हर शनिवार को सूर्योदय से पूर्व कच्चा दूध और काले तिल से पीपल के वृक्ष की पूजा करें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहना चाहिए। इससे पितृ दोष दूर हो जाएगा। 
  • सोमवार के दिन आक के 21 फूलों से शिवजी की पूजा करने से भी पितृ दोष का निवारण हो जाता है। 
  • अपने वंशजों से चांदी लेकर नदी में प्रवाहित करने तथा माता को सम्मान देने से परिजन दोष का समापन होता है। 
  • परिवार के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र करके दान में देने तथा घर के निकट स्थित पीपल के पेड़ की श्रद्धा पूर्वक देखभाल करने से गुरु दोष से छुटकारा मिलता है। 
  • पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में विधिवत इमली का बांदा लाकर घर में रखें। इससे भी पितृ दोष दूर होते हैं। 
  • अपने इष्ट देव की नियमित रूप से पूजा-पाठ करने तथा कुत्ते को भोजन कराने से प्रभु दोष का समापन होता है। 

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  • हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही साथ बंदरों को चने और केले का भोजन कराएं। भ्राता दोष से मुक्ति मिल जाएगी। 
  • ब्रह्म-गायत्री का जप अनुष्ठान कराने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है। 
  • घर की बड़ी और बुजुर्ग स्त्री का नित्य चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें। मातृ दोष दूर हो जाएगा। 
  • उत्तराफाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में ताड़ के वृक्ष की जड़ को घर ले आएं। उसे किसी पवित्र स्थान पर स्थापित करने से पितृदोष दूर होता है। 
  • प्रत्येक मास की अमावस्या को अंधेरा होने पर बबूल के वृक्ष के नीचे भोजन रखने से पितृ दोष नष्ट हो जाता है। 
  • शास्त्रों में गौ-सेवा का विशेष महत्व बताया है। इससे जीवन में खुशियां आती हैं। यदि आपके ऊपर मातृ दोष हो तो गाय को पालना श्रेयस्कर होता है। इसकी सेवा से आपको मातृ दोष से मुक्ति मिलेगी। 

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  • प्रतिदिन देशी फिटकरी से दांत साफ करने से भगनी दोष समाप्त हो जाता है। 
  • किसी धर्मस्थान की सफाई आदि करके वहां पूजन करें। प्रभु दोष से छुटकारा मिल जाएगा। 
  • वर्ष में एक बार किसी व्यक्ति को अमावस्या के दिन भोजन कराने, दक्षिणा एवं वस्त्र देने से ब्राह्मण दोष का निवारण होता है। 
  • किसी महीने में अमावस्या के दिन घर में बने भोजन का भोग पितरों को लगाएं तथा पितरों के नाम से ब्राह्मण को भोजन कराएं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर हो जाते हैं। 
  • यदि छोटे बच्चे पर पितृ दोष का असर दिख रहा हो, तो एकादशी या अमावस्या के दिन दूसरे बच्चे को दूध पिलाएं  या मावे की बर्फी खिलाए। 
  • श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन पितरों को जल और काले तिल अर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं तथा पितृ दोष दूर होता है। 

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  • सात मंगलवार तथा शनिवार को जावित्री और केसर की धूप घर में देने से भी दोषों का निवारण होता है। 
  • प्रतिदिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर सूर्य देव को नमस्कार करें और समय-समय पर यज्ञ और हवन भी कराएं। इस प्रयोग को करने से पित्र दोष से छुटकारा मिल जाता है। 
  • नाक-कान छिदवाने से भगिनी दोष का निवारण होता है। 
  • देसी गाय के गोबर का कंडा जलाकर उसमें नित्य काले तिल, जौ, राल, देशी कपूर और घी की धूनी देने से पितृ दोष का समापन हो जाता है। 
  • बेटी को स्नेह करने तथा चांदी की नथ पहनाने से भगिनी दोष से मुक्ति मिल जाती है। 
  • भिखारी को भोजन और धन आदि से संतुष्ट करें। भ्राता दोष दूर हो जाएगा। 
  • पशु पक्षियों को रोटी आदि खिलाने से सभी प्रकार के दोषों का शमन हो जाता है। 

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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