नीलमणि रत्न, साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है नीलमणि

नीलमणि रत्न (Neelamani Ratna): नीलमणि बेरिल का एक साफ नील-हरित रूप है, जिसे पन्ना के विकल्प के रूप में धारण किया जाता है। इसका प्रभाव भी पन्ना जैसे ही होता है। इसके अलावा और भी फायदे हैं नीलमणि के –

नीलमणि रत्न (Neelamani Ratna)

नीलमणि रत्न
Neelamani Ratna

नीलमणि रत्न (Neelamani Ratna)

  • बैरुज श्रेणी का यह रत्न सुंदरता की दृष्टि से बहुत प्रिय रत्न है। विशेषकर महिलाओं के गहनों में जड़कर यह रत्न और भी सुंदर हो जाता है। इसकी आभा हरीतिमायुक्त नीली होती है। यह नीले आकाश या नीले पानी के रंग जैसा प्रतीत होता है। 
  • ग्रहीय दृष्टि से इस रत्न को पन्ने की जगह धारण किया जाता है। अतः पन्ने से मिलने वाले सभी लाभ इसे पहनने से मिलते हैं। यह अंतर्ज्ञान शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ एकाग्रता को भी बढ़ाने का काम करता है। 
  • नीलमणि चित्त को शांत करता है तथा मन में निर्मलता की सृष्टि करता है। इसे हृदय और गले के पास विशेष रूप से पहनना चाहिए। तभी इसका बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। समुद्री यात्रा और समुद्री मार्ग से व्यवसाय करने वालों के लिए यह विशेष लाभकारी होता है। 
  • बैरुज, हरितमणि, हरित नीलमणि यह सब एक्वामेरीन के ही नाम है। सुंदर होने के कारण इसे अंगूठी के अलावा आभूषणों में भी जड़वाकर लोग पहनते हैं। 
  • यह नीले रंग में विभिन्न आभाओं या शेड्स में मिलता है। जो कोमल त्वचा के लिए अच्छा है तथा 15 से 18 आयु वर्ग की लड़कियों के लिए बेहद लाभदायक होता है। वैसे इसे उन हिंदुओं को पहनने की सिफारिश की जाती है जो जीवन में मानवतावादी एवं आध्यात्मिक पक्ष की ओर उन्मुख होना चाहते हैं और प्रकृति के रहस्यों में गहरे उतरने की भावना रखते हैं। 

यह भी पढ़े – दिमागी शक्ति बढ़ानी हो तो पहनें एजुराइट

किसे पहनना चाहिए? 

  • 3,12, 21 या 30 तारीख में जन्मे लोगों के लिए अर्थात जिनका जन्मांक  3 तथा मीन राशि के उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में गुरु लग्न में है, यह रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। 
  • ऐसे लोग जो घूमने-फिरने या मनोरंजन में रुचि रखते हैं या ऐसे लोग जो जनसंपर्क के कार्यों में संलग्न हैं, वे भी इसे धारण कर सकते हैं। 
  • यह व्यक्तिगत संबंधों में तनाव कम करता है और भावनात्मक संबंध मजबूत बनाता है। वैवाहिक जीवन में आनंद के लिए भी से पहना जा सकता है। 

उपचारीय गुण 

  • इसका संबंध थायमस ग्लैंड्स से है। हार यानी नेकलेस में इसे पहनने से चित्त शांत होता है। स्नायु तंत्रिकाओं को शांत करता है। 
  • प्राचीन काल में रोमवासी नीलमणि उदर रोगों के उपचार के लिए उपयोग करते थे। उनका विश्वास था कि यह लीवर एवं गले की परेशानियों को ठीक करता है। 

यह भी पढ़े – मेलाकाइट रत्न, सौभाग्य प्रदाता नग है दाना-ए-फिरंग 

अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *