मंत्र जाप के लाभ, मंत्र जप से सिद्ध होते हैं सारे काम

मंत्र जाप के लाभ (Mantra Jaap Ke Labh): मंत्र विज्ञान एक गूढ़ ज्ञान है। इसका प्रयोग साधक सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए करते हैं। वैसे देखा जाए तो जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में मंत्रों का प्रयोग होता है। मंत्र द्वारा दैवीय शक्तियों को जाग्रत किया जाता है। मंत्र विद्या विश्व के सभी देशों, मानवजाति, धर्मों एवं संप्रदायों में हजारों-लाखों वर्षों से आस्था एवं विश्वास के साथ प्रचलित हैं। और ये आज भी उतने ही सार्थक हैं जितना की पहले था।

मंत्र जाप के लाभ (Mantra Jaap Ke Labh)

मंत्र जाप के लाभ
शास्त्रों के अनुसार ऐसे अनेक चमत्कारी मंत्र हैं, जिनके जाप से कई सात्विक विचारों का जन्म होता है और रोगी रोग मुक्त होकर शांति से अपना जीवन यापन करता है।

मंत्र शास्त्र के जानकारों के अनुसार मंत्र जप का स्थान सर्वोपरि है। ऐसे अनेक चमत्कारी मंत्र हैं, जिनके जाप से कई सात्विक विचारों का जन्म होता है और रोगी रोग मुक्त होकर शांति से अपना जीवन यापन करता है। मंत्रों के चमत्कारी प्रभाव से मन माफिक सिद्धि मिलती है। रोगों से मुक्ति मिलती है।

आइए जानें कुछ ऐसे ही सिद्ध मंत्रों के बारें में –

1. अतिशीघ्र विवाह हेतु

ऊं गं गणपतये नमः

यह एक अत्यंत असर कारक मंत्र है। इस मंत्र जप के लिए हाथी दांत की माला का होना आवश्यक है। इस मंत्र के पाठ करने से कार्यों में सफलता मिलती है। यदि इस मंत्र को कुंवारी कन्याएं 21 बुधवार को जपें तथा चूरमा अथवा मूंग के सवा किलो लड्डू का भोग लगाकर बच्चों एवं परिजनों में बांटें तो उनका विवाह अतिशीघ्र हो जाता है।

ठीक इसी तरह इस मंत्र का जाप करने और व्रत रखने से मंगली और कालसर्प योग वाली कन्याओं के विवाह भी शीघ्र होते देखे गए हैं। साथ ही व्यापार वृद्धि एवं छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं में सफलताओं के लिए भी उपयोगी है। यदि इसी मंत्र की 31 मालाएं नित्य जप की जाएं तो सोचा हुआ हर कार्य सफल होता है।

2. रोग मुक्ति मंत्र

शास्त्रों में रोगों के निवारणार्थ यूं तो कई मंत्र बताए गए हैं। जिनमें कुछ मंत्र काफी अचूक हैं। यह मंत्र निम्न है-
ऊं अच्युताय नमः, ऊं गोविंदाय नमः, ऊँ अनंताय नमः। बेहतर परिणाम के लिए इस मंत्र का जप आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से दूसरे दिन के सूर्योदय तक करे।

इसका जप करने से यह मंत्र सिद्ध होता है और साधक जटिल रोगों से मुक्त होता है। साथ ही उसे अन्न-लक्ष्मी, धन लक्ष्मी व राज्य लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त रोग मुक्ति के लिए निम्न मंत्र का भी जप कर सकते हैं।

ऊं नमो पार्श्वनाथाय ह्रीं नमो धरणेन्द्र पद्यावती नमो नमः ।

किसी शुभ मुहूर्त में इसका जप करना उत्तम माना जाता है। 21 दिनों तक नित्य एक माला का जप किया जाए। जप समाप्ति पर रोगी के प्रति आरोग्य लाभ की कामना करनी चाहिए। इसके प्रभाव से रोग और स्वास्थ्य में उत्पन्न दूसरे विघ्न सब नष्ट हो जाते हैं। 

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सुख सौभाग्य की प्राप्ति के लिए 

1. ऊं हं हनुमते आंजनेयाय महाबलाय नमः । या हनुमन्नंजनी सूनो वायुपुत्रं महाबलः। अकस्मादागतोत्पातं नाशयाशु नमोस्तुति ॥ 

उपयुक्त मंत्र हनुमान जी के सिद्ध मंत्र हैं जिसको जपने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

2. ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः ॥ 

यह लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सिद्ध मंत्र है। शुभ मुहूर्त में, शुद्ध एकांत स्थान में लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित करके, नित्य इस मंत्र का दस माला जाप करें। जप के दिनों में पीले फूलों से लक्ष्मीजी की पूजा करें। जप पूरा हो जाने पर साधक को दशांश हवन करना चाहिए। इस साधना की सिद्धि हो जाने पर लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त होती है।

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अन्य प्रभावशाली मंत्र

1. वार्तालाप में सफलता के लिए

निम्न मंत्र का कम से कम एक माला रोजाना जपना चाहिए। यह प्रयोग 21 दिनों तक करें। इससे बातचीत में आ रही बाधा दूर होती है।

तेहि अवसर सुनि सिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा ॥ 

2. उन्नति के लिए

ते सम्मता जनयदेषु धनादि तेषां, तेषां यशांसि न च सीदति धर्म वर्गः।
धन्यास्त एव निमृतात्मजभृत्य दारा येषां सदाभ्युदयदा भक्ति प्रसन्ना ॥

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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