गुरु का गोचर फल, मान-सम्मान और कामयाबी दिलाता है बृहस्पति का शुभ गोचर
गुरु का गोचर फल (Guru Ka Gochar Fal): ग्रहों में बृहस्पति को प्रभावशाली और शुभ ग्रह माना गया है। यह ज्ञान का कारक ग्रह है, जो विद्या, बुद्धि, ज्ञान, विवाह, धन और विभिन्न विषयों पर अपना महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। गोचर में गुरु के विभिन्न भावों से गुजरने पर व्यक्ति को अलग-अलग परिणाम प्राप्त होते हैं –
गुरु का गोचर फल (Guru Ka Gochar Fal)
गुरु गोचर का विभिन्न भाव में फल
प्रथम भाव
अगर आपकी कुंडली के प्रथम भाव में बृहस्पति गोचर कर रहा है और आप विवाह के लिए तैयार हैं तो समझ लीजिए आपकी जल्दी ही शादी होने वाली है। गुरु का यह भाव प्रत्येक कार्य में सफलता और कामयाबी दिलाता है। आर्थिक रूप से भी यह काफी फायदेमंद होता है। समाज में मान सम्मान, प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र में उत्तरदायित्व और पदोन्नति मिलती है।
द्वितीय भाव
गुरु के द्वितीय भाव में होने पर आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, धन का आगमन होता है, लेकिन धन व्यय के रास्ते भी खुले होते हैं। बृहस्पति के इस भाव में गोचर करने पर संतान सुख प्राप्त होता है। आप अगर जमीन या मकान से संबंधित कोई निर्णय लेना चाहते हैं तो इस स्थिति में आपको लाभ मिलेगा।
तृतीय भाव
तृतीय भाव में बृहस्पति के गोचर से स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। पठन-पाठन के लिए गुरु का यह गोचर उत्तम रहता है। इस भाव का बृहस्पति नए-नए लोगों से मिलने का भी मौका देता है।
चतुर्थ भाव
अगर आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव में बृहस्पति का गोचर हो रहा है तो आपका भाग्य इस समय प्रबल रहेगा। परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। मानसिक तौर पर संतुष्ट रहेंगे और रोग एवं बीमारी की संभावना से आप मुक्त रहेंगे। वाहन अथवा भूमि और मकान संबंधी मामलों में निश्चित निर्णय पर पहुंच सकेंगे।
पंचम भाव
गोचर में बृहस्पति जब पंचम भाव से गुजरता है, तब उत्तम फल प्रदान करता है। आप इस समय संगीत एवं लेखन में रुचि लेंगे। साहित्यिक विषय आपको आकर्षित करेंगे। संतान की आकांक्षा रखने वालों को संतान की प्राप्ति हो सकती है। आर्थिक मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए लाभप्रद रहेगा। नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति के लिए अनुकूल समय रहेगा।
षष्ठं भाव
आपकी कुंडली के छठे भाव में बृहस्पति के गोचर करने से आपके स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव होता है। मानसिक तौर पर भी इस गोचर का मिला-जुला प्रभाव होता है। आप अपनी मेहनत और लगन से व्यापार और नौकरी के क्षेत्र में बेहतर स्थिति बना सकेंगे। हालांकि खर्च की भी अधिकता रहेगी, अतः संतुलन बनाए रखना उचित होगा।
सप्तम भाव
बृहस्पति जब सप्तम भाव से गोचर करता है तब बहुत ही शुभ होता है। अविवाहितों के लिए विवाह का योग माना जाता है। दांपत्य जीवन के लिए भी बृहस्पति का यह गोचर उत्तम होता है। अगर आप बेरोजगार हैं तो रोजगार की संभावना बनेगी, नौकरी करने वालों को पदोन्नति और व्यापार करने वालों को कारोबारी सफलता प्राप्त होगी।
अष्टम भाव
अष्टम भाव का बृहस्पति सेहत को प्रभावित करता है। अगर आप अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखेंगे तो क्रोध और चिड़चिड़ापन आप पर हावी रहेगा। इस समय आपको अपनी मेहनत का पूरा पूरा लाभ मिलेगा। सरकारी तंत्र से आपको सहयोग मिलेगा और आपका काम बन जाएगा।
नवम भाव
आपकी कुंडली में बृहस्पति जब नवम भाव से गोचर करता है तब यह आपको शारीरिक व मानसिक रूप से सेहतमंद बनाता है। इस समय लंबित काम सफलता पूर्वक पूरा हो जाएगा। कार्यक्षेत्र में नवीन योजनाएं बनेंगी जिनसे आपको भविष्य में लाभ मिलेगा। आर्थिक दृष्टि से यह आपको काफी लाभ दिलाएगा, धनागमन होता रहेगा। सामाजिक मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
दशम भाव
दशम भाव में बृहस्पति का गोचर आपको व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति प्रदान करेगा। बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से राजनीति से जुड़े विशिष्ट लोगों से आपके संबंध बनेंगे। परिवार में सुख-शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनेगा जिससे गृहस्थ जीवन आनंदमय रहेगा। धन के मामले में भी आपकी चिंता दूर होगी।
एकादश भाव
एकादश भाव में बृहस्पति का गोचर आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है। नौकरी करते हैं तो कार्य स्थल पर आपकी स्थिति मजबूत बनेगी और हो सकता है कि बृहस्पति का यह गोचर आपको पदोन्नति भी दिलाए । सामजिक क्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान में वृद्धि होगी।
द्वादश भाव
गोचर में जब बृहस्पति द्वादश भाव में आता है तब शारीरिक और मानसिक स्थिति प्रभावित होती है। कभी -कभी तनाव और बेचैनी महसूस कर सकते हैं। यह बृहस्पति आपको आर्थिक लाभ प्रदान करेगा लेकिन मांगलिक कार्यों में व्यय के लिए भी आपको तैयार रहना होगा। इस भाव में बृहस्पति यात्रा भी करवाता है लेकिन यह यात्रा भविष्य में लाभ का रास्ता तैयार करता है। अपनी मेहनत के दम पर आप मान सम्मान एवं कामयाबी का सफर तय करेंगे।
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