गोरोचन के उपाय, तंत्र साधना में गोरोचन का महत्व

गोरोचन के उपाय (Gorochan Ke Upay): तंत्र साधना में गोरोचन का इस्तेमाल वशीकरण और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार, किसी को वश में करना हो या घर की सुख समृद्धि बढ़ानी हो, इन सबके लिए गोरोचन अचूक उपाय है – 

गोरोचन के उपाय (Gorochan Ke Upay)

गोरोचन के उपाय
Gorochan Ke Upay

गोरोचन क्या होता है?

गाय के पित्ताशय में से निकलने वाला एक प्रकार का पीला द्रव्य ‘गोरोचन’ कहलाता है। जो अत्यंत सुगंधित होता है। इस द्रव्य का प्रयोग ज्यादातर तंत्र विद्याओं में किया जाता है।

गोरोचन के तांत्रिक प्रयोग

गोरोचन में बंशलोचन, शुद्ध केसर, मछली का पित्त और चंदन की जड़ मिलाकर गंगाजल में कुंवारी कन्या के हाथ से उसे कूट-पीसकर गोलियां बनवा लें। फिर उसे छाया में सुखाएं। अब उस गोली को घिसकर मस्तक पर लगाकर जिसे भी देखेंगे, वह आपके वश में हो जाएगा।

रजस्वला स्त्री का कपड़ा और गोरोचन को शत्रु का नाम लेते हुए उसके गले में डालने से शत्रु का स्तंभन होता है।

गोरोचन के साथ मैनसिल और शिंगरपफ मिलाकर भृंगराज के रस में घिस लें। फिर उसके द्वारा अपने बाएं हाथ पर इच्छित व्यक्ति का नाम लिखें। अब इस हाथ को अग्नि में तपाने पर इच्छित व्यक्ति वशीभूत हो जाएगा।

गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में गोरोचन को चांदी की डिबिया में रखकर उसे धूप दिखाकर सिंदूर का तिलक लगाएं। फिर उसे अपनी तिजोरी या गल्ले में रखने से धन की कमी नहीं होती।

कृष्ण पक्ष के शनिवार के दिन इच्छित स्त्री का नाम गोरोचन द्वारा कमलपत्र पर लिखें। फिर उससे तिलक करने पर इच्छित स्त्री वशीभूत हो जाती है।

गोरोचन के साथ केसर और सिंदूर को लेकर आंवले के साथ पीस लें। फिर उसका तिलक लगाने से समस्त लोग वश में हो जाते हैं।

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नवरात्र में नौ दिनों तक “रंगभूमि जब सिय पगु धारी देखि रूप मोहे नर नारी” मंत्र की 11 माला का जप करके इसे सिद्ध कर लें। फिर इसका प्रयोग करते समय इसी मंत्र की एक माला और जप करें। फिर गोरोचन का टीका लगा लें। इससे जो भी व्यक्ति आपके समक्ष आएगा, वह आपकी ओर आकर्षित हो जाएगा।

किसी भी पूर्णिमा के दिन बुध की होरा में शुद्ध गोरोचन तथा नागकेसर खरीद लाएं। तत्पश्चात बुध की होरा काल में ही अशोक का एक अखंडित पत्ता लाकर गोरोचन एवं केसर को दही में घोलकर पत्ते पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।

फिर इस पत्ते को पवित्र स्थान पर रखकर एक माह तक धूप दिखाएं। अगली पूर्णिमा को बुध की होरा में पुनः यह प्रयोग दोहराएं। पुराने पत्ते को घर के बाहर स्वच्छ स्थान पर डालकर नया पत्ता पवित्र स्थान पर रख दें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

गोरोचन में ताड़ के बीज मिलाकर जिस व्यक्ति के सिर पर डाला जाएगा, वह अवश्य ही सम्मोहित हो जाएगा।

गोरोचन में थोड़ी-सी पीपल और असगंध मिलाकर केले के रस में घिस लें। फिर इसके द्वारा तिलक करने से भी वशीकरण का प्रभाव उत्पन्न हो जाता है।

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स्त्री द्वारा अपने रज में शुद्ध गोरोचन मिलाकर मस्तक पर तिलक करने से पुरुष वशीभूत होता है। 

गोरोचन को ताबीज में भरकर अपने बाजू पर बांध लें। आपकी सभी परेशानियों का निवारण होता रहेगा।

गोरोचन को कपड़े में बांधकर पूजा घर में रखने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जो भी आपकी इच्छाएं होगी वह शीघ्र ही पूरी होगी।

Gorochan में विष्णुकांता, भांग और गोखरू मिला-पीसकर गोलियां बना लें। फिर इसे सुखाकर रखें। प्रयोग के समय एक गोली को घिसकर तिलक करने से वशीकरण का प्रभाव उत्पन्न होता है।

गोरोचन के साथ देशी कपूर, केसर और जंगली काले धतूरे को पीसकर उससे तिलक करें। स्त्री अवश्य वशीभूत हो जाएगी।

गोरोचन, कुमकुम और केले का रस तीनों की पीसकर अपने मस्तक पर तिलक करने से स्त्री पति को वशीभूत कर लेती है। 

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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। 

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