धात का गिरना बंद हो जाएगा सिर्फ 1 दिन में,  करें ये आयुर्वेदिक उपाय

धात का गिरना (Dhat Ka Girna) Spermatorrhea (Dhat Rog): आजकल युवाओं में धातु रोग की समस्या अक्सर देखने को मिलती है। युवावस्था में कदम रखते ही उनके सामने धातु गिरने की समस्या आ जाती है। पहले यह समस्या लोगों में बहुत कम होती थी। लेकिन आजकल यह समस्या आम हो गई है क्योंकि युवा शादी से पहले अपने मन में वैवाहिक संबंध को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। वही आजकल इंटरनेट का जमाना है और ज्यादातर युवा वर्ग वो फिल्में देखना पसंद करते हैं और दिन भर उसी के बारे में सोचते रहते हैं। जिससे उनका वीर्य, मूत्र मार्ग से बाहर आने के लिए अपनी जगह से चलायमान हो जाता है।

धात का गिरना बंद हो जाएगा सिर्फ 1 दिन में,  करें ये आयुर्वेदिक उपाय

धात का गिरना (Dhat Ka Girna) Spermatorrhea (Dhat Rog)
Spermatorrhea (Dhat Rog)

वीर्य का उचित प्रवाह न होने के कारण वह बाहर नहीं आ पाता और बूंद-बूंद या तार-तार करके पेशाब या बैठने के साथ ही बाहर आता रहता है। इसको धातु रोग यानि धात का गिरना कहते हैं। कभी-कभी इससे इतनी कमजोरी हो जाती है कि, सिर्फ लड़की के बारे में सोचने मात्र से ही स्खलन हो जाता है। अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान हैं तो, आज हम बताने जा रहे हैं आयुर्वेदिक उपाय। जिसकी मदद से आप सिर्फ 1 दिन में इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

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धात रोग के लिए योग

  • प्राणायाम– अनुलोम-विलोम और बाह्य प्राणायाम करना लाभकारी होता है।
  • उत्तानपादासन – उत्तानपादासन भी स्खलन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • गोमुखासन – गोमुखासन पुरुषों को अपने स्खलन पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करता है।
  • सर्वांगासन – सर्वांगासन वृषण के कार्य में सुधार करता है और शुक्राणुओं के साथ-साथ वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
  • भुजंगासन – भुजंगासन पुरुषों को शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह पुरुषों को लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में भी मदद करता है।
  • सेतुबंधासन – सेतुबंधासन पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा में सुधार करता है।

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आइए जानते हैं धातु गिरने की समस्या को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

1. अखरोट का छिलका और देसी खांड

अखरोट के छिलके को जलाकर भस्म बना लें और उसमें समान मात्रा में देसी खांड मिलाकर सुबह खाली पेट 10 ग्राम तक पानी के साथ और रात को खाना खाने के बाद सेवन करें। इससे धातु रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।

2. बरगद के पत्ते का दूध और बताशा 

सुबह सूर्योदय से पहले टहलने जाएं और अपने साथ बताशा भी ले जाएं। जहां भी बरगद का पेड़ दिखे, उसके पत्ते तोड़ लें और उसे तोड़ते समय जो दूध निकले उसकी 10 बूंदें बताशे पर गिराके खाएं। धातु रोगों के लिए यह बहुत ही आसान और असरदार उपाय है।

3. बबूल की फली

बबूल की बिना बीज वाली फली को छाया में सुखा लें, इसकी लगभग 15 ग्राम, तालमखाना 8 ग्राम, बीजबंद 3 ग्राम और मिश्री 35 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को नाश्ते से एक घंटे पहले फांक लें और ऊपर से 250 ग्राम देसी गाय का दूध पिएं। इसके प्रयोग से सभी प्रकार के प्रेमेह और धातु रोग नष्ट हो जाते हैं। ये सभी चीजें आपको किराना की दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं। धातु रोग से पीड़ित लड़के और लड़कियों दोनों के लिए यह एक कारगर नुस्खा है।

4. धातु पौष्टिक चूर्ण और चंद्रप्रभा वटी 

एक चम्मच धातु पौष्टिक चूर्ण और चंद्रप्रभा वटी की दो गोलियां सुबह-शाम दूध के साथ लेने से धातु रोग ठीक हो जाता है। इसकी एक ही खुराक खाने से आपको फायदा मालूम होने लगेगा। यह एक आजमाई और परखी हुई आयुर्वेदिक दवा है। 2-3 महीने तक इसका नियमित सेवन करने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है, जिससे धात गिरने की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। साथ ही यौन शक्ति बढ़ती है और नपुंसकता दूर हो जाती है। यह आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर आसानी से मिल जाती है। 

नोट– यह पोस्ट शिक्षा के उद्देश्य से लिखी गई है। हालांकि इसका सेवन करना किसी भी तरह से नुकसानदेह नहीं है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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