पहले प्यार का पहला एहसास, आपकी उम्र का पहला प्यार

पहले प्यार का पहला एहसास (Pehle Pyar Ka Pehla Ehsaas): आपने बहुत से कवियों को सुना होगा, बहुत सी रचनाएं भी पढ़ी होंगी, लेकिन आज हम आपके सामने मनोज अनुश्री की कुछ रचनायें प्रस्तुत कर रहे है, पढ़े और विश्लेषण करें, कि कितना दिल को छू के गुजरने वाले शब्द चुने है उन्होंने –

पहले प्यार का पहला एहसास (Pehle Pyar Ka Pehla Ehsaas)

पहले प्यार का पहला एहसास
हम शरमाते रहें वो मुस्कराते रहें

वैसे तो प्यार को शब्दों में बयां कर पाना बहुत ही कठिन कार्य है, पर कवि ने प्यार के एहसास को बहुत अच्छे से  प्रस्तुत करने का प्रयास अपनी रचना में किया है –

हम शरमाते रहें वो मुस्कराते रहें, दिल ही दिल में वो भी घबराते रहें

कर बैठे वो भी वही गलती, जो हम अब तक तक करते आते रहें

हम भीड़ में उन्हें देख लेतें, वो हम से नजरे बचाते रहें

अब हम भी ! उन्हें भाते, और वो भी मुझे भाने लगे। 

कहने मे हम भी और, वो भी घबराने लगे

गलती से ही सही, पर वो हमसे हर जगह टकराने लगे 

करें कैसे इकरार कि हमें, ‘वो’ हो गया है आपसे

उनकी भी वही हालत है, वो बतलाने लगे आंखों से 

कैसे इसे लाऊ ज़बा पे, ये सोच हम घबराने लगे

हम शरमाते रहे, वो मुस्कराते रहे। 

सौजन्य से – मनोज अनुश्री

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