बगलामुखी साधना के लाभ, सर्वशक्ति संपन्न बगलामुखी साधना
बगलामुखी साधना के लाभ (Bagalamukhi Sadhana Ke Labh): देवी बगलामुखी रूप की उपासना भोग और मोक्ष दोनों की सिद्धि के लिए की जाती है। इनकी साधना समस्त कष्टों को हरने वाली होती है। तंत्र शास्त्र में भी बगलामुखी साधना के अनेक फायदे गिनाए गए हैं, जो अत्यंत प्रभावी हैं –
बगलामुखी साधना के लाभ (Bagalamukhi Sadhana Ke Labh)
श्री बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं। वेदों में इन्हें ‘बल्गामुखी’ भी कहा गया है, लेकिन यह बगुला के समान मुख वाली देवी नहीं है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार बगलामुखी देवी की साधना करने वाला मनुष्य अपने शत्रुओं तथा कष्टों का निवारण कर लेता है।
इसके अलावा इनकी साधना युद्ध, वाद-विवाद, मुकदमा तथा रोग निवारण हेतु की जाती है। तंत्र शास्त्रों में भी बगलामुखी साधना की अनेक प्रयोग दिए गए है, जो अत्यंत कारगर हैं –
बगलामुखी साधना और सिद्धि
इनका मूल मंत्र इस प्रकार है – बगलामुखी ध्यान मंत्र
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वेदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।
हल्दी की माला से इस मंत्र का जप करें –
- बगलामुखी देवी के उपरोक्त मंत्र का सवा लाख बार जप करके मधु, घृत और शक्कर मिलाकर तिल या सरसों के साथ हवन करने से अभीष्ट व्यक्ति वशीभूत हो जाता है।
- इसी मंत्र के एक लाख जप करने तथा दूध मिश्रित चावलों से हवन करने पर धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- बगलामुखी देवी के उपरोक्त मंत्र का चार लाख बार जप करके तिल और गुग्गुल द्वारा दशांश हवन करने से जेल से छुटकारा मिलता है।
- बगलामुखी मंत्र का चार लाख बार जप करके कनेर के पत्तो से उसका दशांश हवन करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
- शिवालय या घने वन में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए बगलामुखी देवी के उपरोक्त मंत्र का एक लाख बार जप करने से समस्त सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं।
- एक रंग वाली गाय के दूध, मधु और शक्कर के मिश्रण को बगलामुखी मंत्र द्वारा तीन सौ बार अभिमंत्रित करके पीने से सभी प्रकार के अभिचार कर्म तथा शत्रु के विषैले प्रयोग का प्रभाव नष्ट होता है।
- शमशान की अग्नि में बगलामुखी के मंत्र द्वारा गुग्गुल, राई, भैंस के घी तथा अंगार के धुएं से हवन करने पर शत्रुओं का नाश हो जाता है।
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- भगवती बगलामुखी का मात्र ध्यान करने से सभी प्रकार के कष्टों तथा आपदाओं का शमन हो जाता है।
- बगलामुखी देवी के मंत्र का ढाई लाख बार जप करके उसका दशांश ताड़पत्र, नमक और हल्दी की गांठों द्वारा हवन करने से शत्रु का स्तंभन होता है।
- सवा लाख बार बगलामुखी मंत्र का जप करके दूब, मधु, घृत, शक्कर, गुरफच तथा धान के लावा द्वारा हवन करने से असाध्य रोग भी नष्ट हो जाते हैं।
- बगलामुखी देवी मंत्र का जप करते रहने से शत्रुओं का दमन हो जाता है। रात्रिकाल बगलामुखी मंत्र का दस हजार बार जप करके हल्दी, हरताल, लवण, घृत, मधु, शक्कर तथा पीले पुष्पों द्वारा हवन करने पर दुष्ट व्यक्ति एवं शत्रु की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
- अगर आप किसी कारणवश मंत्रों का उच्चारण नहीं कर पाते हैं तो भी मात्र ‘बगला’ शब्द का जप निरंतर करके अपने शत्रुओं का स्तंभन कर सकते हैं।
- बगलामुखी देवी के मंत्र का सवा दो लाख बार जप करके पंचामृत, दूध, दही, घी, शक्कर एवं शहद द्वारा हवन करने पर वाद-विवाद, युद्ध तथा मुकदमे में सफलता प्राप्त होती है।
- गिद्ध और कौए के पंखों को सरसों के तेल में मिलाकर बगलामुखी के मंत्र द्वारा चिता की अग्नि में हवन करने से शत्रुओं का उच्चाटन होता है।
- पारा, शिलाजीत एवं ताड़पत्र के चूर्ण को शहद में मिलाकर बगलामुखी मंत्र का चौदह लाख बार जप करके उसे अभिमंत्रित कर लें। फिर उस मिश्रण को शरीर पर लगाने से व्यक्ति अदृश्य हो जाता है।